Make in India: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया ‘मेक इन इंडिया’ अभियान ने आज अपनी 10वीं वर्षगांठ पूरी कर ली है। इस मौके पर पीएम मोदी ने एक ब्लॉग के ज़रिए इस अभियान की शानदार उपलब्धियों को साझा किया और बताया कि किस तरह यह पहल भारत को वैश्विक स्तर पर एक मज़बूत विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) हब बना रही है। उनके अनुसार, ‘भारत अब रुकने वाला नहीं है’ और इस आंदोलन ने भारत को वैश्विक व्यापार में एक विश्वसनीय और प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया है।
‘मेक इन इंडिया’: सपने से हकीकत तक का सफर
मेक इन इंडिया (Make in India) की शुरुआत 25 सितंबर 2014 को की गई थी, जिसका उद्देश्य भारत को सिर्फ आयातक नहीं बल्कि निर्यातक बनाना था। इस पहल का फोकस मुख्य रूप से विनिर्माण क्षेत्र पर था, ताकि भारत वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में एक प्रमुख खिलाड़ी बन सके।
पीएम मोदी ने बताया कि इस अभियान ने भारत को एक बड़े निवेश केंद्र के रूप में पहचान दिलाई है। उनके अनुसार, आज भारत में विनिर्माण में आश्चर्यजनक वृद्धि हो रही है और दुनिया भर के निवेशक अब भारत को एक भरोसेमंद व्यापारिक साझेदार के रूप में देख रहे हैं।
मोदी के अनुसार, मेक इन इंडिया (Make in India) ने न केवल देश में निर्माण को बढ़ावा दिया है, बल्कि एमएसएमई सेक्टर और छोटे उद्योगों को भी नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।
मेक इन इंडिया के प्रमुख क्षेत्रों में सफलता
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर कई क्षेत्रों में मेक इन इंडिया की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। जैसे:
- मोबाइल विनिर्माण: 2014 में जहां केवल 2 मोबाइल विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) इकाइयां थीं, वहीं आज यह संख्या 200 से अधिक हो गई है। भारत अब 99% मोबाइल फोन का निर्माण देश में ही करता है और यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल विनिर्माण देश बन गया है।
- स्टील उत्पादन: भारत अब तैयार इस्पात का शुद्ध निर्यातक बन गया है। 2014 के बाद से इस्पात उत्पादन में 50% से ज्यादा की वृद्धि हुई है।
- सेमीकंडक्टर उद्योग: इस क्षेत्र में भारत ने 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश आकर्षित किया है। देश में पांच सेमीकंडक्टर प्लांट्स को मंजूरी दी गई है, जिनकी प्रति दिन उत्पादन क्षमता 7 करोड़ से अधिक चिप्स की होगी।
- नवीकरणीय ऊर्जा: भारत आज दुनिया का चौथा सबसे बड़ा नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादक है। पिछले एक दशक में इस क्षेत्र में 400% की वृद्धि हुई है।
- रक्षा उत्पादन: रक्षा उत्पादन निर्यात 1,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 21,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। यह निर्यात अब 85 से अधिक देशों में हो रहा है।
PM मोदी का विज़न: आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ते कदम
प्रधानमंत्री ने अपने ब्लॉग में इस बात पर ज़ोर दिया कि मेक इन इंडिया ने भारत के गरीब वर्गों और छोटे व्यवसायों को बड़ा सपना देखने और उसे साकार करने की प्रेरणा दी है। उन्होंने बताया कि इस पहल से मेड इन इंडिया प्रोडक्ट्स अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना रहे हैं, जैसे वंदे भारत ट्रेन, ब्रह्मोस मिसाइल और मोबाइल फोन, जिन पर गर्व से ‘Make in India’ का ठप्पा लगा हुआ है।
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि मेक इन इंडिया पहल ने केवल मैन्युफैक्चरिंग में ही नहीं बल्कि देश की समग्र आर्थिक संरचना को भी मज़बूत किया है। PLI (Production Linked Incentive) योजनाओं से भारी निवेश और लाखों नौकरियां पैदा हुई हैं, जिससे देश की आर्थिक स्थिति और अधिक सुदृढ़ हो रही है।
भारत के आत्मनिर्भर भविष्य का संकल्प
‘मेक इन इंडिया’ के साथ भारत अब न केवल अपने देश की ज़रूरतों को पूरा करने में सक्षम है, बल्कि दुनिया के लिए एक उभरते हुए विनिर्माण और नवाचार हब के रूप में भी उभर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर देशवासियों को आह्वान किया कि वे इस पहल में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और इसे नई ऊंचाइयों पर ले जाएं।
मोदी के अनुसार, भारत में डेमोग्राफिक डिविडेंड, लोकतंत्र और डिमांड का सही संतुलन है, जो भारत को वैश्विक आर्थिक नेतृत्व में खड़ा करता है। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय में भारत आत्मनिर्भर और विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में तेज़ी से कदम बढ़ा रहा है।
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