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मणिपुर में फिर भड़की हिंसा: ड्रोन और इम्प्रोवाइज्ड रॉकेट हमलों ने मचाया कहर, पूर्व मुख्यमंत्री के घर पर हमला

मणिपुर में फिर भड़की हिंसा: ड्रोन और इम्प्रोवाइज्ड रॉकेट हमलों ने मचाया कहर, पूर्व मुख्यमंत्री के घर पर हमला

मणिपुर में चल रही हिंसा एक बार फिर से बढ़ गई है, जहां शुक्रवार को इम्प्रोवाइज्ड रॉकेट हमलों में एक 70 वर्षीय बुजुर्ग की मौत हो गई और पांच लोग घायल हो गए। यह हमला बिष्णुपुर जिले के गांवों पर पड़ोसी पहाड़ियों से हुआ। इसके कुछ दिन पहले, ड्रोन द्वारा क्रूड बम गिराने की घटनाएं भी सामने आई थीं।

इम्प्रोवाइज्ड रॉकेट हमलों का क्या है मामला?

इस हमले में इस्तेमाल हुए रॉकेट साधारण तौर पर बनाए गए विस्फोटक युक्त पाइप्स थे, जिन्हें पहाड़ी क्षेत्रों से निचले गांवों पर दागा गया। बिष्णुपुर जिले के ट्रोंगलाओबी गांव में तड़के सुबह 4:30 बजे पहला हमला हुआ, जिससे दो मकान बर्बाद हो गए। इसके बाद दोपहर में मोइरंग मैरेनबाम लेकाई में भी हमला हुआ, जिसमें एक व्यक्ति की जान चली गई।

मृतक की पहचान 70 वर्षीय आर.के. राबेई सिंह के रूप में हुई, जिनकी मौत पूर्व मुख्यमंत्री मैरेनबाम कोइरेंग के घर पर हुई रॉकेट हमले में हो गई।

इम्प्रोवाइज्ड रॉकेट हमले का असर और प्रशासन की प्रतिक्रिया

इस घटना के बाद मणिपुर में भय और तनाव का माहौल बन गया है। कई इलाकों में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच फायरिंग की खबरें भी सामने आईं। सुरक्षा बलों ने इन हमलों का जवाब दिया, लेकिन हमलावर पहाड़ी इलाकों से लगातार फायरिंग करते रहे।

स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर सभी शैक्षिक संस्थानों को बंद करने का आदेश दिया है और कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑन मणिपुर इंटेग्रिटी (COCOMI) ने अनिश्चितकालीन “सार्वजनिक आपातकाल” की घोषणा की है।

मणिपुर के हालात क्यों हैं इतने नाजुक?

मणिपुर में पहले से ही जातीय तनाव और कुकी-जोमी और मैतेई समुदायों के बीच संघर्ष जारी है। पिछले कुछ महीनों में हिंसा और बमबारी की घटनाएं बढ़ी हैं। ड्रोन हमलों से लेकर अब इम्प्रोवाइज्ड रॉकेट हमलों तक, यहां की स्थिति लगातार बिगड़ रही है।

इस ताजा हमले ने राज्य की स्थिति को और गंभीर बना दिया है, जिससे प्रशासन को अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती करनी पड़ी है।

मणिपुर में शांति स्थापना की राह

मणिपुर में शांति स्थापना के प्रयास जारी हैं, लेकिन बढ़ते हमलों और तनाव के कारण यह काम और चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है। प्रशासन और सेना लगातार स्थिति को नियंत्रण में लाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके साथ ही, COCOMI जैसे संगठनों ने लोगों से अपने घरों में रहने की अपील की है, ताकि किसी प्रकार की जनहानि से बचा जा सके।

मणिपुर में चल रही हिंसा ने राज्य की सुरक्षा और शांति पर बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है। रॉकेट हमलों और ड्रोन बमबारी से क्षेत्र में असुरक्षा का माहौल है। सरकार और सुरक्षा बल पूरी कोशिश कर रहे हैं कि स्थिति नियंत्रण में रहे, लेकिन इस समय जनता के लिए घरों में रहना ही सुरक्षित है।

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