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नीति आयोग की बैठक में 10 राज्यों के मुख्यमंत्री नदारद: क्या उन्होंने खुद को नुकसान पहुंचाया?

गरीबी मिटाने की महायोजना: नीति आयोग की बैठक में प्रधानमंत्री ने दिखाई नए भारत की तस्वीर, कुछ राज्यों की अनुपस्थिति ने बढ़ाई चिंता

नीति आयोग की बैठक: भारत की प्रगति और विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक शनिवार को दिल्ली में हुई। इस बैठक में देश के विभिन्न हिस्सों से आए नेताओं ने हिस्सा लिया। 26 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री, उपराज्यपाल और अन्य प्रतिनिधि इस बैठक में शामिल हुए। यह बैठक देश के विकास की दिशा तय करने के लिए बहुत जरूरी थी।

बैठक की अध्यक्षता खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की। उन्होंने सभी राज्यों से मिलकर काम करने और देश को आगे बढ़ाने की अपील की। लेकिन कुछ राज्यों के नेताओं की अनुपस्थिति ने सबका ध्यान खींचा। बिहार, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना, दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, झारखंड और पुदुचेरी के मुख्यमंत्री इस बैठक में नहीं आए। यह बात कई लोगों को अच्छी नहीं लगी।

नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) बीवीआर सुब्रमण्यम ने इस बारे में अपनी राय दी। उन्होंने कहा कि यह बैठक राज्यों के विकास को आगे बढ़ाने के लिए थी। जो लोग इसमें शामिल नहीं हुए, उन्हें इससे नुकसान होगा। उन्होंने यह भी बताया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दोपहर के खाने से पहले बोलने की इच्छा जताई थी। उनकी यह इच्छा मान ली गई थी। लेकिन जब उनका बोलने का समय खत्म हुआ, तो रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने माइक पर हाथ मारा। इसके बाद ममता बनर्जी ने बोलना बंद कर दिया और वे बाहर चली गईं।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इस बैठक में नहीं आ सके। उनके न आने का कारण यह था कि वे राज्य की विधानसभा के सत्र में व्यस्त थे। यह जानकारी भी बैठक में दी गई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक में कई महत्वपूर्ण बातें कहीं। उन्होंने सभी राज्यों से अपील की कि वे विदेशी निवेश (एफडीआई) लाने के लिए आपस में प्रतिस्पर्धा करें। उनका कहना था कि इससे सभी राज्यों को फायदा होगा, खासकर उन राज्यों को जो अभी तक पीछे हैं। उन्होंने जनसंख्या के प्रबंधन और गरीबी को पूरी तरह से खत्म करने पर भी जोर दिया।

प्रधानमंत्री ने राज्यों से कहा कि वे जिलों को मजबूत बनाने पर ज्यादा ध्यान दें। उनका मानना था कि इससे विकास को गति मिलेगी। उन्होंने गरीबी को खत्म करने को सबसे ज्यादा जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि हमें हर गरीब व्यक्ति की मदद करनी चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि गांवों की जांच करके उन्हें ‘गरीबी से मुक्त’ गांव घोषित किया जा सकता है।

बैठक में कई अन्य विषयों पर भी बात हुई। गांवों में गरीबी को खत्म करने, जनसंख्या के प्रबंधन और राज्यों के विकास को तेज करने पर विशेष ध्यान दिया गया। नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने बताया कि प्रधानमंत्री चाहते हैं कि सभी राज्य विदेशी निवेश लाने के लिए एक-दूसरे से आगे निकलने की कोशिश करें।

यह बैठक भारत के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण थी। इसमें कई बड़े फैसले लिए गए और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा हुई। हालांकि कुछ राज्यों के नेताओं के न आने से कुछ लोग नाखुश थे, लेकिन जो लोग आए, उन्होंने देश के विकास के लिए अपने विचार रखे। यह बैठक भारत के उज्जवल भविष्य की ओर एक कदम है।

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