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सपनों की राह में आई मौत की बाढ़: दिल्ली के कोचिंग सेंटर में जलभराव से तीन होनहार छात्राओं की दर्दनाक मौत, क्या सच में इतनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी सफलता के लिए?

सपनों की राह में आई मौत की बाढ़: दिल्ली के कोचिंग सेंटर में जलभराव से तीन होनहार छात्राओं की दर्दनाक मौत, क्या सच में इतनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी सफलता के लिए?

दिल्ली, भारत की राजधानी, जहां हजारों युवा अपने सपनों को पूरा करने के लिए आते हैं। लेकिन कभी-कभी ये सपने अचानक टूट जाते हैं। ऐसा ही कुछ हुआ शनिवार की शाम को, जब दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में एक दर्दनाक हादसा हुआ।

शनिवार की शाम को दिल्ली में भारी बारिश हुई। इस बारिश ने कई जगह पर मुसीबत खड़ी कर दी। ओल्ड राजेंद्र नगर में एक कोचिंग सेंटर था, जिसका नाम था ‘राव आईएएस स्टडी सेंटर’। इस सेंटर के बेसमेंट में अचानक पानी भर गया। उस समय वहां करीब 30 छात्र पढ़ाई कर रहे थे।

जब पानी भरने लगा, तो वहां अफरा-तफरी मच गई। छात्र बाहर निकलने की कोशिश करने लगे। लेकिन तीन छात्राएं वहीं फंस गईं। इन तीनों की मौत हो गई। ये तीनों छात्राएं सिविल सेवा की परीक्षा की तैयारी कर रही थीं। उनके नाम थे श्रैया (25 साल), नेविन डेलविन (28 साल) और तानिया (25 साल)।

जैसे ही इस हादसे की खबर फैली, दमकल विभाग की गाड़ियां वहां पहुंचीं। कुल 7 दमकल की गाड़ियां बचाव कार्य में लगीं। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की टीम भी वहां पहुंची। स्थानीय पुलिस भी मदद के लिए आई।

बचाव कार्य रात भर चला। कई छात्रों को रस्सियों की मदद से बाहर निकाला गया। लेकिन तीन छात्राओं को बचाया नहीं जा सका। बचाव कार्य अगले दिन सुबह करीब 4 बजे खत्म हुआ।

इस हादसे के पीछे कई कारण हो सकते हैं। सबसे पहला कारण है भारी बारिश। दिल्ली में उस दिन बहुत ज्यादा बारिश हुई थी। दूसरा कारण हो सकता है नालियों की सफाई न होना। कई लोगों का कहना है कि अगर नालियों की सही से सफाई हुई होती, तो शायद यह हादसा न होता।

कुछ छात्रों ने बताया कि पानी बहुत तेजी से भरा। इतनी तेजी से कि बेसमेंट का गेट भी टूट गया। कुछ का कहना है कि बेसमेंट में पानी निकासी का सही इंतजाम नहीं था। इसलिए पानी जमा हो गया।

सपनों की राह में आई मौत की बाढ़: दिल्ली के कोचिंग सेंटर में जलभराव से तीन होनहार छात्राओं की दर्दनाक मौत, क्या सच में इतनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी सफलता के लिए?

इस हादसे के बाद दिल्ली सरकार ने कार्रवाई शुरू कर दी है। दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने मुख्य सचिव को जांच करने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा है कि इस हादसे के लिए जो भी जिम्मेदार होगा, उसे सजा मिलेगी।

दूसरी तरफ, भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि सरकार ने नालियों की सफाई नहीं करवाई, जिसकी वजह से यह हादसा हुआ।

दुखद बात यह है कि यह कोई पहला हादसा नहीं है। इसी हफ्ते की शुरुआत में दिल्ली के पटेल नगर में एक छात्र की करंट लगने से मौत हो गई थी। पिछले साल मुखर्जी नगर के एक कोचिंग सेंटर में आग लग गई थी, जिसमें कई छात्र घायल हुए थे।

ये हादसे बताते हैं कि कोचिंग सेंटरों में सुरक्षा का कितना ध्यान रखा जाता है। मई में दिल्ली हाई कोर्ट ने आदेश दिया था कि जो कोचिंग सेंटर सुरक्षा नियमों का पालन नहीं करते, उन्हें बंद कर दिया जाए। लेकिन लगता है कि इस आदेश का ठीक से पालन नहीं हुआ।

यह हादसा कई सवाल खड़े करता है। क्या हमारे शहरों में सुरक्षा का ठीक से ध्यान रखा जाता है? क्या हमारे युवाओं की जान की कोई कीमत नहीं है? क्या सिर्फ परीक्षा पास करना ही सब कुछ है, या फिर जीवन की सुरक्षा भी जरूरी है?

इन सवालों के जवाब ढूंढने होंगे। तभी शायद ऐसे हादसों को रोका जा सकेगा। तभी हमारे युवा सुरक्षित रह पाएंगे और अपने सपनों को पूरा कर पाएंगे।

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