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पेरिस ओलंपिक्स में भारतीय हॉकी का चमत्कार: 52 साल बाद ऑस्ट्रेलिया को चटाई धूल, क्या अब गोल्ड की ओर बढ़ेंगे कदम?

पेरिस ओलंपिक्स में भारतीय हॉकी का चमत्कार: 52 साल बाद ऑस्ट्रेलिया को चटाई धूल, क्या अब गोल्ड की ओर बढ़ेंगे कदम?

पेरिस ओलंपिक्स 2024: भारतीय हॉकी का शानदार कमबैक

पेरिस की धरती पर भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने एक ऐसा कारनामा कर दिखाया, जिसकी उम्मीद शायद ही किसी ने की होगी। 2 अगस्त, 2024 को खेले गए मैच में भारत ने अपने चिर प्रतिद्वंद्वी ऑस्ट्रेलिया को 3-2 से हराकर 52 साल पुराने इंतजार को खत्म कर दिया। इस रोमांचक मुकाबले में कप्तान हरमनप्रीत सिंह की अगुवाई में टीम इंडिया ने अपने दम पर इतिहास रच दिया।

मैच का रोमांचक आगाज

मैच की शुरुआत से ही भारतीय खिलाड़ियों के चेहरों पर जीत का जुनून साफ नजर आ रहा था। पहले क्वार्टर में ही टीम ने दो गोल दागकर अपने इरादे जाहिर कर दिए। पहला गोल अभिषेक ने 18वें मिनट में किया, जो एक शानदार फील्ड गोल था। इसके तुरंत बाद, कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने 13वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर पर गोल करके भारत की बढ़त को 2-0 कर दिया।

पेरिस ओलंपिक्स में भारतीय हॉकी का चमत्कार: 52 साल बाद ऑस्ट्रेलिया को चटाई धूल, क्या अब गोल्ड की ओर बढ़ेंगे कदम?

ऑस्ट्रेलिया की वापसी और भारत का जवाबी हमला

दूसरे क्वार्टर में ऑस्ट्रेलिया ने वापसी की कोशिश की। थॉमस क्रेग ने 25वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर पर गोल कर स्कोर 2-1 कर दिया। लेकिन भारतीय टीम ने हार नहीं मानी। तीसरे क्वार्टर में हरमनप्रीत ने 33वें मिनट में एक और गोल करके भारत की बढ़त को 3-1 कर दिया। उनका यह गोल मानो कह रहा था – “हम यहाँ जीतने आए हैं, हारने नहीं!”

अंतिम क्षणों का रोमांच

मैच के आखिरी क्वार्टर में ऑस्ट्रेलिया ने जोरदार वापसी की कोशिश की। ब्लेक गोवर्स ने 55वें मिनट में पेनल्टी स्ट्रोक पर गोल करके स्कोर 3-2 कर दिया। स्टेडियम में तनाव की लहर दौड़ गई। लेकिन भारतीय डिफेंस ने ऐसी दीवार खड़ी कर दी, जिसे ऑस्ट्रेलियाई टीम भेद नहीं पाई। आखिरकार, भारत ने 3-2 से यह ऐतिहासिक मैच जीत लिया।

गोलकीपर श्रीजेश का शानदार प्रदर्शन

इस जीत में भारतीय गोलकीपर पीआर श्रीजेश की भूमिका अहम रही। उन्होंने कई ऐसे सेव किए, जो किसी चमत्कार से कम नहीं थे। श्रीजेश के इन सेव ने ऑस्ट्रेलियाई टीम को बार-बार निराश किया और भारत की जीत सुनिश्चित की।

भारत का टूर्नामेंट में सफर

इस जीत के साथ, भारत ने पूल बी में अपनी स्थिति मजबूत कर ली है। टीम पहले ही क्वार्टर फाइनल में अपनी जगह पक्की कर चुकी थी। भारत ने अपने पहले मैच में न्यूजीलैंड को 3-2 से हराया था, फिर अर्जेंटीना से 1-1 से ड्रॉ खेला। इसके बाद आयरलैंड को 2-0 से हराया, लेकिन बेल्जियम से 1-2 से हार गए थे। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यह जीत भारत के लिए बूस्टर की तरह काम करेगी।

टीम का संयोजन

इस ऐतिहासिक जीत में पूरी टीम का योगदान रहा। गोलकीपर पीआर श्रीजेश, डिफेंडर जरमनप्रीत सिंह, अमित रोहिदास, हरमनप्रीत सिंह, सुमित और संजय, मिडफील्डर राजकुमार पाल, शमशेर सिंह, मनप्रीत सिंह, हार्दिक सिंह और विवेक सागर प्रसाद, और फॉरवर्ड अभिषेक, सुखजीत सिंह, ललित कुमार उपाध्याय, मंदीप सिंह और गुरजंत सिंह ने अपनी-अपनी भूमिका बखूबी निभाई।

यह जीत सिर्फ एक मैच की जीत नहीं है। यह भारतीय हॉकी के पुनरुत्थान का प्रतीक है। 52 साल बाद ओलंपिक में ऑस्ट्रेलिया को हराना किसी चमत्कार से कम नहीं है। इस जीत ने न सिर्फ टीम का मनोबल बढ़ाया है, बल्कि पूरे देश में हॉकी के प्रति नया जोश भर दिया है। अब सभी की नजरें आगे के मैचों पर टिकी हैं। क्या भारतीय टीम इसी फॉर्म को बरकरार रखते हुए गोल्ड मेडल तक का सफर तय कर पाएगी? यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन इस जीत ने जरूर यह साबित कर दिया है कि भारतीय हॉकी अब वापस अपने सुनहरे दौर की ओर लौट रही है।

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