प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में एक चुनावी रैली में भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने संकल्प को दोहराया है। उन्होंने दावा किया कि अगर वे सत्ता में वापस आते हैं, तो वे भ्रष्टाचारियों की संपत्तियों का ‘एक्स-रे’ करेंगे और जनता को लूटने वाले हर व्यक्ति को जेल भेजेंगे।
मोदी ने विशेष रूप से शराब घोटाले और नेशनल हेराल्ड घोटाले का उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने कहा कि इन घोटालों में लूटी गई हर पाई की वसूली की जाएगी और जिसने भी लूटा है, उसे वह धन लौटाना ही पड़ेगा।
उन्होंने अपनी रैली में विपक्षी गठबंधन पर भी निशाना साधा, उन्हें ‘इंडी गठबंधन’ कहते हुए उन पर घोर सांप्रदायिक, जातिवादी और परिवारवादी होने का आरोप लगाया। मोदी ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी, भाजपा, ‘राष्ट्र प्रथम’ के सिद्धांत पर चलती है, जबकि कांग्रेस ‘परिवार प्रथम’ के सिद्धांत पर।
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी बताया कि उनकी सरकार ने पिछले 10 सालों में 36 लाख करोड़ रुपये डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से लोगों के बैंक खातों में भेजे हैं, जिससे बिचौलियों के बिना सीधे लाभार्थियों तक पैसा पहुंचा है।
इस बयान के साथ, मोदी ने अपनी सरकार के विकास मॉडल और भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी प्रतिबद्धता को रेखांकित किया है। उनके इस बयान से यह संदेश गया है कि अगर वे सत्ता में वापस आते हैं, तो भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी लड़ाई और भी तेज होगी।