मोहन भागवत की सनसनीखेज टिप्पणी: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने हाल ही में मणिपुर के हालात पर चिंता जताई है और सरकार को संदेश दिया है कि चुनावी बयानबाजी से ऊपर उठकर देश की गंभीर समस्याओं पर ध्यान दिया जाए।
मणिपुर की शांति पर चिंता
भागवत ने कहा कि मणिपुर पिछले एक साल से शांति की राह देख रहा है। वहां हिंसा और अशांति ने लोगों का जीवन मुश्किल कर दिया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि मणिपुर की स्थिति पर प्राथमिकता के साथ विचार किया जाना चाहिए और जल्द से जल्द शांति स्थापित करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए।
चुनावी बयानबाजी से ऊपर उठने की जरूरत
मोहन भागवत ने कहा कि देश में हो रही चुनावी बयानबाजी से हटकर वास्तविक समस्याओं पर ध्यान देना आवश्यक है। उन्होंने कहा, “चुनाव बहुमत हासिल करने के लिए होते हैं और यह एक प्रतिस्पर्धा है, युद्ध नहीं।” उन्होंने राजनीतिक दलों और नेताओं से अपील की कि वे एक-दूसरे की बुराई करने के बजाय आम जनता के हित में काम करें।
सत्ता पक्ष और विपक्ष की सहमति
भागवत ने यह भी कहा कि सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सहमति होना जरूरी है ताकि आम जनता के लिए सही दिशा में काम किया जा सके। उन्होंने यह भी अफसोस जताया कि आरएसएस को भी बिना किसी कारण के इसमें घसीटा जा रहा है।
तकनीकी का दुरुपयोग और झूठ का फैलाव
भागवत ने चेताया कि तकनीकी (जैसे डीपफेक) का उपयोग करके झूठ फैलाया जा रहा है, जो समाज में दरार पैदा कर सकता है। उन्होंने कहा कि चुनाव में हमेशा दो पक्ष होते हैं, लेकिन जीतने के लिए झूठ का सहारा नहीं लेना चाहिए।
मोहन भागवत ने अपने बयान में मणिपुर की स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की और देश की समस्याओं पर प्राथमिकता के साथ विचार करने की जरूरत पर जोर दिया। उनका यह बयान एक महत्वपूर्ण संदेश है कि चुनावी बयानबाजी से हटकर देश की वास्तविक समस्याओं का समाधान करना आवश्यक है।
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