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मुंबई के उम्मीदवारों की पर्यावरण उपेक्षा से भड़के कार्यकर्ता, इनकी चूक के कारण होगी ये भयंकर विनाशकारी त्रासदी!

मुंबई के उम्मीदवारों की पर्यावरण उपेक्षा से भड़के कार्यकर्ता, इनकी चूक के कारण होगी ये भयंकर विनाशकारी त्रासदी!

मुंबई के लोकसभा उम्मीदवारों द्वारा पर्यावरणीय मुद्दों को उचित प्राथमिकता न देने पर कार्यकर्ताओं में निराशा है। जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संबंधी चिंताएं भले ही भाजपा और कांग्रेस के घोषणापत्रों में उल्लेखित हों, लेकिन सभी छह निर्वाचन क्षेत्रों के उम्मीदवारों ने अपने प्रचार भाषणों में इन विषयों को प्राथमिकता देने में विफल रहे हैं।

यह एक गंभीर समस्या है क्योंकि मुंबई जैसे महानगर में पर्यावरणीय मुद्दे न केवल शहर के स्वास्थ्य और स्थिरता को प्रभावित करते हैं, बल्कि इसके निवासियों की दैनिक जीवनशैली और भविष्य की सुरक्षा को भी प्रभावित करते हैं। जलवायु परिवर्तन के प्रति उदासीनता और पर्यावरणीय संरक्षण के लिए अपर्याप्त उपाय न केवल शहर के इकोसिस्टम को नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक चिंताजनक संकेत है।

इसके अलावा, मुंबई जैसे तटीय शहरों में समुद्री स्तर में वृद्धि, बाढ़, और अत्यधिक वर्षा जैसी जलवायु संबंधी घटनाएं अधिक बार और गंभीर हो सकती हैं, जिससे बड़े पैमाने पर जन-धन की हानि हो सकती है। इसलिए, यह आवश्यक है कि नेता और उम्मीदवार पर्यावरणीय मुद्दों को अपने चुनावी एजेंडे में शामिल करें और इन्हें समाधान के लिए प्राथमिकता दें।

कार्यकर्ता और नागरिक समाज के सदस्य इस बात को लेकर चिंतित हैं कि अगर इन मुद्दों को अभी नहीं संबोधित किया गया, तो भविष्य में इसके परिणाम और भी विनाशकारी हो सकते हैं। इसलिए, उनका आह्वान है कि उम्मीदवार और राजनीतिक दल पर्यावरणीय संरक्षण को अपने राजनीतिक वादों और कार्यक्रमों में शामिल करें और इसे एक जरूरी और अनिवार्य एजेंडा बनाएं।

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