Mumbai EPFO building: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में स्थित कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) भवन, जो हजारों लोगों के लिए रोजगार और सामाजिक सुरक्षा का प्रतीक होना चाहिए, आज एक खतरा बन गया है। जर्जर अवस्था में पहुंच चुकी इस इमारत में काम करने वाले कर्मचारियों और अपना काम करवाने आने वाले नागरिकों की जान हर पल खतरे में है।
जर्जर भवन, जानलेवा खतरा:
बांद्रा में स्थित EPFO भवन (Mumbai EPFO building) कई वर्षों पुराना है और उसकी मरम्मत लंबे समय से नहीं की गई है।
इमारत की दीवारों में दरारें, छत से टपकता पानी, और जर्जर सीढ़ियां इस बात का प्रमाण हैं कि यह भवन कभी भी गिर सकता है।
भवन में लगी लिफ्ट भी अक्सर खराब रहती है, जिसके कारण कर्मचारियों और नागरिकों को कई मंजिलें पैदल चढ़ना पड़ता है।
भवन में आग बुझाने के उपकरण भी पुराने और खराब हैं, जो किसी भी आपातकालीन स्थिति में बड़ा खतरा पैदा कर सकते हैं।
कर्मचारियों और नागरिकों की जान जोखिम में:
EPFO भवन में लगभग 500 कर्मचारी काम करते हैं, जिनकी जान हर पल खतरे में है।
भवन में रोजाना हजारों नागरिक अपना काम करवाने आते हैं, जिनकी सुरक्षा भी अनिश्चित है।
जर्जर भवन के कारण कर्मचारियों में डर का माहौल है और वे लगातार चिंता में रहते हैं।
कई बार नागरिकों ने भी भवन की जर्जर अवस्था की शिकायत की है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
अधिकारियों की लापरवाही:
EPFO भवन (Mumbai EPFO building) की जर्जर अवस्था के बारे में अधिकारियों को जानकारी है, लेकिन उन्होंने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
भवन की मरम्मत या पुनर्निर्माण के लिए कई बार प्रस्ताव भेजे गए हैं, लेकिन उन्हें स्वीकृति नहीं मिली है।
अधिकारियों की लापरवाही के कारण कर्मचारियों और नागरिकों की जान खतरे में है।
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आवश्यक कदम:
EPFO भवन (Mumbai EPFO building) की तत्काल मरम्मत या पुनर्निर्माण की आवश्यकता है।
भवन में सुरक्षा मानकों का पालन किया जाना चाहिए।
कर्मचारियों और नागरिकों की सुरक्षा के लिए उचित व्यवस्था की जानी चाहिए।
अधिकारियों को इस मामले में लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।
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