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मुंबई मोनोरेल को चाहिए नया ‘ड्राइवर’! प्राइवेट कंपनियों से मांगी मदद, क्या अब सुधरेगी सर्विस?

मुंबई मोनोरेल को चाहिए नया 'ड्राइवर'! प्राइवेट कंपनियों से मांगी मदद, क्या अब सुधरेगी सर्विस?
Credit: TheWeek

मुंबई मोनोरेल अपनी शुरुआत से ही मुश्किलों में रही है। इसे बड़े चाव से बनाया गया था, पर इसे चलाना आसान नहीं रहा! घाटे के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं, और बहुत कम लोग इसका इस्तेमाल करते हैं। अब MMRDA ने इसे किसी प्राइवेट कंपनी के हाथ में सौंपने का फैसला कर लिया है।

मोनोरेल का टिकट सस्ता है, पर लगता है सुविधाएं या तो कम हैं, या लोगों को इसके बारे में सही जानकारी नहीं है। पिछले साल तो 500 करोड़ से भी ज्यादा का घाटा हुआ! MMRDA की अपनी कोशिशें नाकाम होते देख शायद इसीलिए अब उन्होंने एक्सपर्ट्स की मदद लेने का सोचा है।

MMRDA बोल रही है कि नई कंपनी को मोनोरेल चलाने और मेंटेन रखने का काम पांच साल के लिए मिलेगा। देखते हैं कौन सी कंपनी इस चैलेंज को लेने आती है! वैसे कुछ बदलाव तो करने ही पड़ेंगे – अभी मोनोरेल में बहुत कम डिब्बे हैं, और दूसरी मेट्रो लाइन्स से सही कनेक्शन भी होना चाहिए। MMRDA का प्लान है कि नई सर्विस के साथ रोजाना डेढ़ लाख से ज्यादा लोग मोनोरेल से सफर करें…पर ये होगा कैसे, ये देखना होगा!

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