Mumbai ONTV News: मुंबई में प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में पेड़ों की भूमिका महत्वपूर्ण है, लेकिन बीएमसी की लापरवाही से हजारों पेड़ों के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है।
दरअसल सड़कों को सीमेंटेड करते समय ठेकेदारों द्वारा पेड़ों की जड़ों को सीमेंट से ढंक दिया जा रहा है, जिससे पेड़ों का विकास रुक जाएगा और कुछ समय बाद वे सूख जाएंगे। बीएमसी गार्डन डिपार्टमेंट ने इस संबंध में आर साउथ वॉर्ड को कम से कम दो पत्र लिखे हैं, जिसमें कहा गया है कि वॉर्ड में 18 स्थानों पर पेड़ों को नुकसान पहुंचाया गया है।
बीएमसी गार्डन डिपार्टमेंट ने 12 पॉइंट्स में गाइडलाइंस जारी की है, जिससे विकास कार्य करते समय पेड़ों को कोई नुकसान न पहुंचे। लेकिन बीएमसी के ही अन्य विभाग इन गाइडलाइंस का पालन नहीं कर रहे हैं। पर्यावरणविदों का कहना है कि पेड़ों की जड़ के आसपास खुली जगह और मिट्टी होनी चाहिए, लेकिन बीएमसी और ठेकेदार इस बात की अनदेखी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में मुंबई में नए पेड़ लगाने के लिए जगह ही नहीं बचेगी।
बीएमसी के उपायुक्त किशोर गांधी ने कहा कि यदि बीएमसी के काम के दौरान पेड़ों को नुकसान हो रहा है तो हम कॉन्ट्रैक्टर को कह कर उसे सही करवा सकते हैं। लेकिन पर्यावरणविदों का कहना है कि ये पर्याप्त नहीं है और बीएमसी को पेड़ों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। (Mumbai ONTV News)
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ये मुद्दा महत्वपूर्ण है क्योंकि पेड़ न केवल शहर को सुंदर बनाते हैं, बल्कि वे प्रदूषण को कम करने और हवा की गुणवत्ता में सुधार करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बीएमसी को इस मामले में तुरंत ध्यान देना चाहिए और पेड़ों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए।
ये भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि पेड़ों को नुकसान पहुंचाना गैरकानूनी है और इसके लिए जुर्माना और कारावास की सजा हो सकती है। मुंबई के नागरिकों को भी इस मामले में आगे आना चाहिए और पेड़ों की सुरक्षा के लिए अपनी आवाज उठानी चाहिए। (Mumbai ONTV News)
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