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Mumbai: पुलिसकर्मी की सलाह ने बचाई दंपत्ती की जान: सीटबेल्ट की सलाह बनी जिंदगी की ढाल!

Mumbai: पुलिसकर्मी की सलाह ने बचाई दंपत्ती की जान: सीटबेल्ट की सलाह बनी जिंदगी की ढाल!

मुंबई (Mumbai) की सड़कों पर एक ऐसी कहानी सामने आई है, जो दिल को छू लेती है और एक छोटी सी सलाह की ताकत को दर्शाती है। एक दंपती, गौतम रोहरा और उनकी पत्नी, एक भयानक सड़क हादसे में बाल-बाल बच गए, और इसकी वजह बनी एक यातायात पुलिसकर्मी की सतर्कता। कॉन्स्टेबल प्रवीण क्षीरसागर ने महज 15 मिनट पहले दी गई अपनी सलाह से उनकी जिंदगी बचा ली। ये कहानी न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि हर उस इंसान के लिए एक सबक है, जो सड़क पर गाड़ी चलाता है।

15 मिनट पहले की सलाह बनी जिंदगी की रक्षा
शनिवार का दिन था, जब गौतम रोहरा और उनकी पत्नी अपनी कार में बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) से गुजर रहे थे। तभी यातायात पुलिसकर्मी प्रवीण क्षीरसागर ने उनकी कार रोकी। वजह? गौतम की पत्नी ने सीटबेल्ट नहीं पहनी थी। क्षीरसागर ने नम्रता से उन्हें सीटबेल्ट पहनने की सलाह दी। पत्नी ने तुरंत सीटबेल्ट पहन लिया, और दंपती ने इस छोटी सी बात को गंभीरता से लिया। उस पल उन्हें नहीं पता था कि यही सलाह उनकी जिंदगी का सबसे बड़ा तोहफा बनने वाली है।

भारी बारिश और भयानक हादसा
कुछ ही देर बाद, जब दंपती भारी बारिश के बीच अंधेरी की ओर जा रहे थे, उनकी कार ने एक ढलान पर नियंत्रण खो दिया। गाड़ी दो बार पलट गई, और कार का हाल ऐसा हो गया कि उसे देखकर कोई भी डर जाए। लेकिन चमत्कार देखिए, सीटबेल्ट की वजह से गौतम और उनकी पत्नी को सिर्फ मामूली चोटें आईं। वो सीटबेल्ट, जो उन्होंने 15 मिनट पहले पुलिसकर्मी की सलाह पर पहनी थी, उनकी जिंदगी की ढाल बन गई।

धन्यवाद देने चौकी पहुंचा दंपती
हादसे से उबरने के बाद गौतम और उनकी पत्नी का पहला काम था उस पुलिसकर्मी को ढूंढना, जिसकी सलाह ने उनकी जान बचाई। वे बीकेसी यातायात चौकी पहुंचे और कॉन्स्टेबल प्रवीण क्षीरसागर और उनकी टीम को दिल से धन्यवाद दिया। गौतम ने इस घटना को सोशल मीडिया पर भी साझा किया, जिसमें उन्होंने मुंबई यातायात पुलिस की सतर्कता और जीवनरक्षक सलाह की जमकर तारीफ की। उनकी ये पोस्ट हजारों लोगों के लिए प्रेरणा बन गई।

पुलिस आयुक्त ने भी की सराहना
इस घटना की गूंज इतनी थी कि मुंबई पुलिस आयुक्त देवेन भारती ने भी सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कॉन्स्टेबल क्षीरसागर की तारीफ की। उन्होंने इसे एक मिसाल बताया कि कैसे छोटी-छोटी सावधानियां जिंदगियां बचा सकती हैं। आयुक्त की ये पोस्ट मुंबई पुलिस की मेहनत और कर्तव्यनिष्ठा का प्रतीक बन गई।

सीटबेल्ट: छोटा सा कदम, बड़ा असर
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि सीटबेल्ट न पहनना सड़क हादसों में मौत और गंभीर चोटों की बड़ी वजह है। हर साल हजारों लोग सिर्फ इसलिए अपनी जान गंवा देते हैं, क्योंकि वे इस छोटी सी सावधानी को नजरअंदाज कर देते हैं। गौतम और उनकी पत्नी की कहानी हमें सिखाती है कि सीटबेल्ट जैसी छोटी चीज कितना बड़ा फर्क ला सकती है।

एक प्रेरणा और सबक
कॉन्स्टेबल प्रवीण क्षीरसागर की सतर्कता और गौतम दंपती की जिंदगी की ये कहानी हर उस इंसान के लिए एक प्रेरणा है, जो सड़क पर गाड़ी चलाता है। ये हमें याद दिलाती है कि नियमों का पालन और छोटी-छोटी सावधानियां हमें और हमारे प्रियजनों को सुरक्षित रख सकती हैं। आइए, इस कहानी से सीख लें और हर बार गाड़ी चलाते समय सीटबेल्ट जरूर पहनें।

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