मुंबई के खार ईस्ट और वेस्ट के लोग ब्रह्ममुंबई महानगरपालिका (BMC) के एक फैसले का जमकर विरोध कर रहे हैं। BMC खार सबवे के ऊपर एक फ्लाईओवर बनाने की योजना लेकर आई है। लेकिन, स्थानीय लोगों का कहना है कि ये फ्लाईओवर ट्रैफिक कम करने के बजाय बढ़ा देगा। इतना ही नहीं, उनका ये भी मानना है कि इससे इलाके की खूबसूरती और वातावरण, दोनों को नुकसान होगा।
खार में रहने वालों को पूर्व-पश्चिम के बीच बेहतर यातायात व्यववस्था की ज़रूरत महसूस हो रही थी, इसके लिए BMC से कई बार गुज़ारिश भी की गई थी। लेकिन, लोगों का कहना है कि BMC जो फ्लाईओवर बनाने जा रही है, उसका डिज़ाइन ही गलत है। इससे ट्रैफिक घटने की कोई उम्मीद नहीं है। इलाके के सबसे प्रभावशाली निवासी संघों ने मिलकर BMC के कमिश्नर और बाकी संबंधित विभागों को आपत्ति पत्र भेजे हैं। इसके साथ वो लोग इलाके में इस मुद्दे के खिलाफ बैठकें और रैलियां भी आयोजित कर रहे हैं।
लोगों की सबसे बड़ी चिंता है कि फ्लाईओवर के बनने से इलाके में ट्रैफिक जाम और बदतर हो जाएगा। वो ये भी बताते हैं कि इससे सालों पुराने बरगद जैसे पेड़ काटे जाएंगे, और यहां के बगीचों को भी बहुत नुकसान पहुंचेगा। खार-सांताक्रूज़ वेस्ट निवासी समूह की तरफ से बोलते हुए जोआचिम कार्वाल्हो कहते हैं, ” हमारा मुहल्ला एक सोच-समझ कर बनाई गई योजना का नतीजा है। यहां पुराने स्कूल, चर्च, चौराहे, सब बड़ी खूबसूरती से बने हैं, और पेड़-पौधों से घिरे हैं। ये फ्लाईओवर अगर बन गया, तो सब बर्बाद हो जाएगा।”
स्थानीय लोगों ने BMC को बताया है कि इस फ्लाईओवर के डिज़ाइन में कई खामियां हैं। मसलन, जहां ये शुरू होगा और जहां खत्म होगा वो रास्ते काफी संकरे हैं, जिनसे बड़े पैमाने पर ट्रैफिक गुज़ारना मुश्किल होगा। MNCDF (Mumbai North Central District Forum) के संस्थापक, एडवोकेट त्रिवान कुमार करनानी BMC के रवैये से खफा हैं। उनका कहना है, “इतने बड़े प्रोजेक्ट पर किसी नागरिक संघ से, या आम लोगों से राय ले ले लो, ये तो बुनियादी बात होती है। लेकिन BMC ने कुछ नहीं किया, और मनमानी करते हुए अपना फैसला सुना दिया।”
इस पूदे विवाद में शहरी विकास के एक्सपर्ट और खार के ही रहने वाले एलन अब्रहाम ने भी अपनी राय रखी है। उनका कहना है कि खार सबवे पर पहले से ही बहुत ज़्यादा ट्रैफिक चलता है, जिससे इलाके के लोगों को परेशानी होती है। अब्रहाम के मुताबिक, BMC अगर बड़े खंभे खड़े करके फ्लाईओवर बना देगी तो सड़क पर तो जगह कम होगी ही, आसपास के पेड़-पौधों पर भी बुरा असर पड़ेगा।