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पुरुष नसबंदी में वृद्धि, मुंबई में बदल रहा है नज़रिया

 पुरुष नसबंदी में वृद्धि, मुंबई में बदल रहा है नज़रिया
Pic Source: DNA
मुंबई में पुरुष नसबंदी कराने वालों की संख्या में तेज़ी से बढ़ोतरी हुई है। बीएमसी के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों से इस बदलाव का पता चलता है, जो इस प्रक्रिया से जुड़े मिथकों और डर को चुनौती देते हैं।

बीएमसी के आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल (2022-23) 480 पुरुषों ने नसबंदी करवाई, जो पिछले साल (2021-22) के केवल 58 मामलों की तुलना में आठ गुना वृद्धि दर्शाता है। पुरुषों के बीच यह सकारात्मक बदलाव उनकी बदलती मानसिकता का सूचक है।

स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि बीएमसी और विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों द्वारा नसबंदी से जुड़े मिथकों और गलतफहमियों को दूर करने के निरंतर प्रयासों के कारण यह बदलाव आया है। सामुदायिक स्वास्थ्य स्वयंसेवक (सीएचवी) और चिकित्सकों द्वारा जानकारी साझा करने से पुरुषों में नसबंदी को लेकर जो डर था, जैसे कि यौन क्षमता में कमी, वह धीरे-धीरे दूर हो रहा है।

इस बीच, इसी अवधि में नसबंदी कराने वाली महिलाओं की संख्या में 27% की गिरावट आई है। जहां 2018-19 में, 19,263 महिलाओं ने नसबंदी करवाई थी, वहीं 2022-23 में यह संख्या घटकर 14,029 रह गई। अधिकारियों का अनुमान है कि अस्थायी तरीकों, जैसे कि कंडोम और गर्भनिरोधक गोलियों के लिए बढ़ती प्राथमिकता, इस बदलाव के पीछे का कारण हो सकती है।

डॉ. दक्षा शाह, कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी, ने कहा, “पुरुष अब पहल कर रहे हैं और नसबंदी के महत्व को समझ रहे हैं। जब परिवार दो बच्चों के बाद नसबंदी करवाने आते हैं, तो पुरुषों को इस प्रक्रिया से गुजरने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।” इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने भी वर्ली में एक नसबंदी केंद्र खोलकर इस दिशा में प्रयास किया है, जो सरकारी सहायता के साथ-साथ नसबंदी कराने वाले पुरुषों को अतिरिक्त 10,000 रुपये का प्रोत्साहन दे रहा है।

अधिकारी इस बात की जांच कर रहे हैं कि महिलाओं में नसबंदी के आंकड़ों में गिरावट किन अन्य कारणों से हो सकती है।

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