मुंबई

चोरी का सामान बेचने के लिए मुंबई से भागकर बंगाल पहुंचा चोर, पुलिस ने ऐसे पकड़ा

चोरी का सामान बेचने के लिए मुंबई से भागकर बंगाल पहुंचा चोर, पुलिस ने ऐसे पकड़ा
Credit: India Today
मुंबई के मुलुंड इलाके में एक महिला से उसका मोबाइल फोन छीनकर भागे चोर को पुलिस ने दो महीने की मशक्कत के बाद पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया है।

मुंबई में मोबाइल फोन और अन्य सामान की चोरी की घटनाएं आम हैं। मुंबई पुलिस लगातार ऐसे मामलों में आरोपियों को पकड़ने का काम करती है।

मुंबई के मुलुंड इलाके में रहने वाली रेखा वर्मा हाउस हेल्प का काम करती हैं। पिछले साल 29 दिसंबर को रेखा जब काम से घर लौट रही थीं, तभी एक शख्स ने उन पर लाठी से हमला कर उनका 8,000 रुपये का मोबाइल फोन छीन लिया और भाग गया। रेखा ने उस शख्स को पहचान लिया था। वह उसी बिल्डिंग में चौकीदार का काम करता था, जहां रेखा काम करती थीं। उसका नाम मामन विश्वास था।

पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। मामन विश्वास ने जब चौकीदार का काम शुरू किया था, तब उसने अपना आधार कार्ड जमा किया था, जिसमें उसका पता पश्चिम बंगाल का था और उम्र 28 साल बताई गई थी। पुलिस ने आधार कार्ड की मदद से विश्वास के घर का फोन नंबर भी निकाल लिया, जो उसकी मां का था। मुंबई में विश्वास का कुछ पता नहीं चला तो पुलिस ने पश्चिम बंगाल में उसकी तलाश शुरू की।

कई दिनों की मशक्कत के बाद पुलिस विश्वास के घर पहुंची, लेकिन उसकी मां ने कहा कि उसे नहीं पता कि उसका बेटा कहां है। पुलिस को विश्वास की मां की बातों पर यकीन नहीं हुआ, क्योंकि उन्हें पता था कि विश्वास को इस बात की जानकारी मिल चुकी है कि पुलिस उसे ढूंढ रही है।

पुलिस टीम के एक अधिकारी ने बताया कि विश्वास की मां को गांव वालों से पता चल गया था कि पुलिस आई हुई है। इसी बीच विश्वास ने किसी अनजान नंबर से अपनी मां को फोन करके पुलिस के बारे में जानकारी ली। जैसे ही मां ने पुलिस के घर आने की बात विश्वास को बताई, उसने वापस मुंबई के लिए ट्रेन पकड़ ली। पुलिस को जब यह जानकारी मिली तो वे हैरान रह गए, क्योंकि विश्वास ट्रेन से तीन दिन का सफर करके बंगाल से मुंबई आया था और इस दौरान पुलिस बंगाल में उसकी तलाश कर रही थी।

पुलिस सूत्रों के अनुसार विश्वास ने चोरी करने के बाद मोबाइल फोन बेच दिया था। पुलिस उस व्यक्ति को भी तलाश कर रही है, जिसने विश्वास से मोबाइल फोन खरीदा था।

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मुंबई पुलिस ने इस मामले को सुलझाकर सराहनीय काम किया है। इस मामले से यह सीख मिलती है कि अपराधी पुलिस से बच नहीं सकते, फिर चाहे वे कितनी भी कोशिश कर लें।

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