मुंबई के मीरा रोड इलाके में 33 वर्षीय सिमोरा डिसूजा ने लंबे इंतज़ार के बाद अपने पहले बच्चे को जन्म दिया है। 14 साल से शादीशुदा सिमोरा हाइपोथायरायडिज्म और मोटापे की समस्या से जूझ रही थीं जिसके कारण गर्भधारण करना उनके लिए बेहद मुश्किल था। सिजेरियन सेक्शन द्वारा की गई डिलीवरी के बाद माँ और स्वस्थ बच्चा दोनों सुरक्षित हैं।
सिमोरा बचपन से ही हाइपोथायरायडिज्म से पीड़ित थीं। इस बीमारी के साथ-साथ उनका वज़न भी अधिक था जिस कारण अनियमित मासिक चक्र जैसी अन्य समस्याएं भी थीं। कई डॉक्टरों का मानना था कि उनके लिए प्राकृतिक रूप से माँ बनना लगभग असंभव होगा। कुछ साल पहले उनका वज़न बढ़कर 185 किलो तक हो गया था जिसके बाद उन्होंने बेरिएट्रिक सर्जरी करवाई।
हालांकि, सिमोरा ने हार नहीं मानी। उन्होंने अलग-अलग उपचार ढूंढने शुरू किए और विशेषज्ञ डॉक्टरों से सलाह ली। इसी दौरान उन्हें एक डॉक्टर मिले जिन्होंने उपचार का एक नया तरीका सुझाया। इस उपचार से सफलता मिली और लंबे इंतज़ार के बाद सिमोरा गर्भवती हुईं। अब वह एक स्वस्थ बच्चे की माँ हैं।
सिमोरा की कहानी महिलाओं के साहस और कभी न हार मानने वाली भावना की जीती-जागती मिसाल है। यह कहानी उन हज़ारों महिलाओं के लिए प्रेरणा है जो निःसंतानता की समस्या से जूझ रही हैं। यह बताता है कि सही चिकित्सा सहायता से चमत्कार हो सकते हैं।
सिमोरा और उनका परिवार बेहद खुश हैं। इतनी चुनौतियों का सामना करने के बाद माँ बनने की ख़ुशी उनके चेहरे पर साफ़ दिखाई देती है। यह घटना मुंबई के चिकित्सा समुदाय के लिए भी प्रेरणादायक है और विशेषज्ञों के लिए अभिनंदनीय है।