बाजार नियामक सेबी ने म्यूचुअल फंड हाउसों को 1 अप्रैल से विदेशी एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETF) में नए निवेश पर अस्थायी रोक लगा दी गई है। यह कदम उद्योग के विदेशी ETF निवेश के लिए निर्धारित सीमा को पार करने के बाद उठाया गया है। हालांकि, निवेशकों को चिंता करने की ज़रूरत नहीं है, विदेशी बाजारों में निवेश करने के अन्य रास्ते अभी भी मौजूद हैं।
विदेशी ETFs स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड इंवेस्टमेंट फंड होते हैं जिनमें विदेशी कंपनियों के स्टॉक्स, बॉन्ड्स, कमोडिटीज़ आदि हो सकते हैं।
सेबी समय-समय पर विदेशी निवेश पर सीमाएं निर्धारित करता है, यह रोक उसका हिस्सा है।
इस तरह की रोक पहले भी 2022 में कुछ समय के लिए लगाई जा चुकी है।
नियामक संस्था SEBI की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार, अब से म्यूचुअल फंड कंपनियां उन स्कीमों में नया पैसा नहीं लगा पाएंगी जिनका निवेश विदेशी ETFs में होता है। यह प्रतिबंध विदेशी ETFs में कुल निवेश के लिए तय की गई 100 करोड़ डॉलर की सीमा को पार कर जाने के बाद लगाया गया है।
हालांकि, इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि निवेशक वैश्विक शेयर बाजारों तक नहीं पहुंच सकते। विदेशी सिक्योरिटीज में सीधा निवेश, जो ETFs के माध्यम से नहीं होता है, पर अभी कोई रोक नहीं है। इंटरनेशनल मार्केट का एक्सपोजर हासिल करने के लिए म्यूचुअल फंड स्कीमों के अलावा और भी निवेश विकल्प उपलब्ध हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार यह प्रतिबंध अस्थायी है और सीमा के अंदर आने पर हटाया जा सकता है। यह भी ध्यान रखना ज़रूरी है कि विदेशी ETFs में पहले से किए गए निवेश पर इस रोक का कोई असर नहीं पड़ेगा। निवेशकों को विदेशी बाजारों में निवेश के अन्य विकल्पों पर विचार करते हुए अपना पोर्टफोलियो बनाना चाहिए।
विदेशी ETFs में निवेश करने वाले म्यूचुअल फंड स्कीमों की पूरी सूची AMFI की वेबसाइट पर उपलब्ध है। निवेश करने के लिए म्यूचुअल फंड के अलावा निवेशक PMS (पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज) का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।