Nagpur Violence: नागपुर में हाल ही में हुई हिंसा ने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा है। इस घटना ने न सिर्फ शहर के माहौल को तनावपूर्ण बना दिया, बल्कि एक ऐसी खबर सामने लाई जिसने हर किसी को हैरान कर दिया। हिंसा के दौरान एक उपद्रवी ने ड्यूटी पर तैनात एक महिला पुलिसकर्मी के साथ बेहद शर्मनाक व्यवहार किया। खबरों के मुताबिक, उसने महिला पुलिसकर्मी की वर्दी उतारने की कोशिश की और आपत्तिजनक तरीके से छूकर बदसलूकी की। इस घटना ने कानून व्यवस्था के साथ-साथ समाज में महिलाओं की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
यह सब उस समय हुआ जब नागपुर में हिंसा भड़क उठी थी। सोमवार की रात को मध्य नागपुर में कुछ लोगों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। अफवाहें फैलीं कि एक दक्षिणपंथी संगठन के प्रदर्शन के दौरान एक समुदाय के धार्मिक ग्रंथ को जलाया गया। इसी बात ने आग में घी का काम किया और देखते ही देखते स्थिति बेकाबू हो गई। इस हिंसा में 34 पुलिसकर्मी घायल हुए, जिनमें से कई को गंभीर चोटें आईं। लेकिन इन सबके बीच जो सबसे ज्यादा चर्चा में आया, वो था एक महिला पुलिसकर्मी के साथ हुई बदसलूकी की घटना। इस मामले में गणेशपेठ पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज की गई है और जांच जारी है।
जो हुआ, वो बेहद निंदनीय था। एक आरोपी ने न सिर्फ महिला पुलिसकर्मी की वर्दी (uniform) को छूने की कोशिश की, बल्कि अश्लील इशारे और अभद्र टिप्पणियां भी कीं। यह महिला पुलिसकर्मी RCP स्क्वॉड का हिस्सा थीं, जो हिंसा को काबू करने के लिए वहां मौजूद थीं। खबरों के अनुसार, उस शख्स ने उनकी वर्दी उतारने की कोशिश (attempt to remove uniform) की और उनके साथ गंदी हरकत की। इतना ही नहीं, वहां मौजूद अन्य महिला पुलिसकर्मियों के साथ भी उसने ऐसा ही व्यवहार किया। भीड़ ने पुलिस को डराने के लिए गंदे इशारे किए और आपत्तिजनक बातें कहीं। यह सुनकर कोई भी समझ सकता है कि उस वक्त हालात कितने खराब हो चुके थे।
नागपुर पुलिस ने हालात को संभालने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। शहर के 11 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया है, जिससे लोगों और वाहनों की आवाजाही पूरी तरह बंद हो गई। पुलिस आयुक्त रविंद्र कुमार सिंघल ने बताया कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है और दोपहर बाद हालात की समीक्षा की जाएगी। इसके अलावा, संवेदनशील इलाकों में दो हजार से ज्यादा सशस्त्र पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। त्वरित प्रतिक्रिया दल और दंगा नियंत्रण पुलिस भी लगातार गश्त कर रही है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस हिंसा को साजिश करार दिया और पुलिस पर हमला करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का वादा किया।
इस घटना ने कई सवाल खड़े किए हैं। एक तरफ जहां पुलिसकर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर कानून व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश कर रहे थे, वहीं उनके साथ ऐसा व्यवहार हुआ। खासकर एक महिला पुलिसकर्मी के साथ हुई यह बदसलूकी हर किसी के लिए चिंता का विषय है। अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि उस आरोपी की पहचान हुई है या उसे गिरफ्तार किया गया है। लेकिन इतना तय है कि इस मामले में पुलिस कोई ढिलाई नहीं बरतना चाहती।
शहर में अभी भी तनाव का माहौल है। हिंसा के दूसरे दिन भी हालात पूरी तरह सामान्य नहीं हो पाए हैं। लोग अपने घरों में हैं और सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। पुलिस का कहना है कि अफवाहों ने इस हिंसा को भड़काने में बड़ी भूमिका निभाई। अधिकारियों ने लोगों से शांति बनाए रखने और किसी भी अफवाह पर भरोसा न करने की अपील की है। इस बीच, घायल पुलिसकर्मियों का इलाज चल रहा है और हिंसा में शामिल 19 आरोपियों को 21 मार्च तक पुलिस रिमांड में भेज दिया गया है।
यह घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि आखिर समाज में ऐसी मानसिकता क्यों पनप रही है। एक महिला, जो अपनी ड्यूटी निभा रही थी, उसके साथ ऐसा व्यवहार न सिर्फ उसकी गरिमा पर हमला है, बल्कि पूरे सिस्टम पर सवाल उठाता है। नागपुर की यह हिंसा और उस दौरान हुई यह शर्मनाक घटना लंबे वक्त तक लोगों के जहन में रहेगी।
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