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नाजुद्दीन खान: दारोगा जी की बर्बादी की कहानी, सैलरी तो 30 लाख, खर्च 1.64 करोड़!

नाजुद्दीन खान: दारोगा जी की बर्बादी की कहानी, सैलरी तो 30 लाख, खर्च 1.64 करोड़!

नाजुद्दीन खान: उत्तर प्रदेश के झांसी के रहने वाले नाजुद्दीन खान की कहानी एक ऐसी है, जो हर सरकारी नौकरी पाने वाले के लिए एक चेतावनी साबित हो सकती है। उन्होंने मेहनत से SI (Sub Inspector) की सरकारी नौकरी पाई, लेकिन उनकी शानो-शौकत, खर्चों और लग्जरी जीवनशैली ने उन्हें मुश्किलों में डाल दिया। ये कहानी है कैसे एक सरकारी नौकरी और ईमानदार छवि रखने वाले अधिकारी को भ्रष्टाचार के आरोपों ने उनके करियर को खत्म कर दिया।

कैसे बनी दारोगा जी की पहचान?

नाजुद्दीन खान ने अपनी मेहनत से UP Police में सब इंस्पेक्टर की नौकरी हासिल की थी। हर कोई उनकी कामयाबी पर गर्व कर रहा था। उन्होंने पढ़ाई में अच्छी मेहनत की और दारोगा के पद तक पहुंच गए। उनका यह सफर न केवल उनके लिए बल्कि समाज के अन्य लोगों के लिए भी प्रेरणा बना। हरदोई के SP ऑफिस में तैनात नाजुद्दीन अपने काम के साथ-साथ अपनी जीवनशैली से भी लोगों का ध्यान खींचते थे।

उनकी शानो-शौकत और लग्जरी लाइफस्टाइल देखकर विभाग के कुछ लोग चौंक गए और किसी ने उनके खिलाफ शिकायत कर दी। धीरे-धीरे उनके खर्चों और आय के बीच का अंतर इतना बढ़ गया कि इसकी जांच जरूरी हो गई।

कितनी सैलरी, कितना खर्च?

जांच में पाया गया कि नाजुद्दीन खान ने अपने सेवाकाल में लगभग 30 लाख रुपये की सैलरी कमाई थी, लेकिन जब उनके खर्चों का हिसाब लगाया गया, तो यह आंकड़ा लगभग 1.64 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। यह अंतर इतना बड़ा था कि इसे नजरअंदाज करना असंभव था। SI Salary (सब इंस्पेक्टर की सैलरी) तो एक लिमिटेड अमाउंट होती है, जिसमें ग्रेड पे और अलाउंसेस मिलाकर भी एक सैलरी सीमा के भीतर रहती है, लेकिन नाजुद्दीन की लाइफस्टाइल इससे कई गुना आगे निकल चुकी थी।

जांच और बर्खास्तगी: दारोगा जी का अंत

शिकायत मिलने पर नाजुद्दीन के खिलाफ झांसी के भ्रष्टाचार निवारण संगठन ने जांच शुरू की। जांच के दौरान पता चला कि उनकी आय से अधिक संपत्ति थी और वह इस बात का कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई और उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। अब यह केस Lucknow Anti-Corruption Bureau की निगरानी में आगे बढ़ेगा।

यह घटना यह साबित करती है कि सरकारी नौकरी पाना जितना कठिन है, उसे ईमानदारी से निभाना उससे भी ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो सकता है। नाजुद्दीन खान की कहानी यह दिखाती है कि अगर आप अपने पद का गलत इस्तेमाल करेंगे, तो उसका अंत बर्बादी के अलावा कुछ नहीं होगा।

SI की सैलरी और सरकारी सुविधाएं

उत्तर प्रदेश में एक SI (सब इंस्पेक्टर) की सैलरी अच्छी मानी जाती है। उन्हें 4200 रुपये का ग्रेड पे और 9,300 रुपये से 34,800 रुपये तक की मासिक सैलरी मिलती है। इसके अलावा, House Rent Allowance (HRA), Dearness Allowance (DA) जैसे अन्य अलाउंसेस भी जोड़े जाते हैं। वेतन में पीएफ और पेंशन की कटौती के बाद भी एक SI को 24,000 से 80,400 रुपये तक की सैलरी मिलती है।

लेकिन नाजुद्दीन खान की कहानी हमें यह बताती है कि अगर आप अपनी आय से ज्यादा खर्च करेंगे और उसे छिपाने की कोशिश करेंगे, तो आप भी ऐसे ही मुश्किलों में फंस सकते हैं।

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