Navi Mumbai से एक ऐसी खबर सामने आई है, जो हर माता-पिता के लिए एक चेतावनी है और समाज के लिए एक गंभीर सवाल। एक 35 वर्षीय स्कूल टीचर पर आरोप है कि उसने अपने ही 16 साल के नाबालिग छात्र को सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक मैसेज भेजे और वीडियो कॉल के जरिए अश्लील हरकतें कीं। इस घटना ने न केवल बच्चे की मासूमियत को ठेस पहुंचाई, बल्कि उसके माता-पिता और पूरे समुदाय को सदमे में डाल दिया। आइए, इस दिल दहलाने वाली कहानी को करीब से जानते हैं।
मासूम की जिंदगी पर छाया अंधेरा
बात तब शुरू हुई, जब एक 16 साल का मासूम छात्र अपनी स्कूल टीचर की गलत हरकतों का शिकार बनने लगा। मिली जानकारी के अनुसार, ये शिक्षिका बच्चे को इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आपत्तिजनक मैसेज भेजा करती थी। धीरे-धीरे उसने टेक्स्ट मैसेज से आगे बढ़कर वीडियो कॉल शुरू कर दिया, जिसमें वो कम कपड़ों में नजर आती थी। ये सिलसिला कई दिनों तक चला। बच्चा डर और शर्मिंदगी के कारण चुप रहा, लेकिन उसकी मानसिक स्थिति बिगड़ती चली गई।
हिम्मत दिखाकर बच्चे ने तोड़ी चुप्पी
लगातार परेशान होने के बाद बच्चे ने आखिरकार हिम्मत जुटाई और अपने माता-पिता को सारी बात बताई। बच्चे के पिता ने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज की। उनकी तहरीर में साफ लिखा था कि टीचर की इन हरकतों ने बच्चे की मानसिक स्थिति पर गहरा असर डाला है। वो डर, तनाव और असुरक्षा की भावना से जूझ रहा है। इस शिकायत के बाद मुंबई पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और POCSO एक्ट के तहत केस दर्ज कर शिक्षिका को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस की जांच और सबूतों की तलाश
पुलिस ने शिक्षिका का फोन जब्त कर लिया और उसके सोशल मीडिया अकाउंट्स की गहन जांच शुरू कर दी। पुलिस ये भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इस शिक्षिका का पहले भी ऐसा कोई आपराधिक इतिहास रहा है? बच्चे की शिकायत और सबूतों के आधार पर पुलिस इस मामले को गंभीरता से ले रही है, ताकि कोई और बच्चा ऐसी स्थिति का शिकार न बने।
पहले भी सामने आ चुका है ऐसा मामला
गौरतलब है कि ये कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी मुंबई के एक बड़े स्कूल में 40 वर्षीय शादीशुदा शिक्षिका को 16 साल के छात्र के यौन उत्पीड़न के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उस शिक्षिका ने पुलिस को बताया था कि उसे वो छात्र “बहुत पसंद” था। उस मामले में भी पीड़ित छात्र शिक्षिका से दूरी बनाए रखता था, लेकिन शिक्षिका ने उसकी एक सहपाठी को अपने पक्ष में कर लिया। उस सहपाठी ने बच्चे को ये समझाने की कोशिश की कि ऐसी “रिलेशनशिप” अब आम हो गई हैं। पुलिस ने उस सहपाठी के खिलाफ भी कार्रवाई की थी।
समाज के लिए एक चेतावनी
ये घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि जिस शिक्षक पर बच्चे का भविष्य संवारने की जिम्मेदारी होती है, वही अगर भटक जाए तो मासूम बच्चों का क्या होगा? ये कहानी हर माता-पिता को सतर्क करती है कि वे अपने बच्चों के व्यवहार और उनकी ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखें। साथ ही, ये स्कूलों और समाज के लिए एक सबक है कि बच्चों की सुरक्षा को सर्वोपरि रखा जाए।
उम्मीद की किरण
इस दुखद घटना के बीच बच्चे की हिम्मत और उसके माता-पिता की जल्द कार्रवाई एक उम्मीद की किरण है। बच्चे ने अपनी आवाज उठाकर न केवल खुद को बचाया, बल्कि दूसरों के लिए भी एक मिसाल कायम की। अब ये हम सब की जिम्मेदारी है कि बच्चों को ऐसी परिस्थितियों से बचाने के लिए जागरूकता फैलाएं और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करें।
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