मुंबई

नवी मुंबई में अंतिम संस्कार के लिए पर्यावरण-अनुकूल ब्रिकेट्स का होगा प्रयोग

Briquettes for Cremations
नवी मुंबई महानगरपालिका (NMMC) शहर के श्मशान घाटों में लकड़ी के बजाय ब्रिकेट्स का इस्तेमाल करेगी। इससे पर्यावरण को कम नुकसान होगा।

अंतिम संस्कार में अक्सर बड़ी मात्रा में लकड़ी का उपयोग किया जाता है। इससे पर्यावरण को नुकसान होता है। इसलिए अब ब्रिकेट्स का उपयोग किया जाएगा। ब्रिकेट्स कोयले और पेड़-पौधों के कचरे से बनाए जाते हैं।

नवी मुंबई महानगरपालिका (NMMC) ने शहर के श्मशान घाटों में अंतिम संस्कार के लिए ब्रिकेट्स को अपनाने की घोषणा की है। यह फ़ैसला पर्यावरण को बचाने की दिशा में एक अहम कदम है।

अंतिम संस्कार में अक्सर लकड़ी का इस्तेमाल होता है जिससे पेड़ों की कटाई होती है और प्रदूषण भी बढ़ता है। ब्रिकेट्स पेड़-पौधों और कोयले के कचरे से बनते हैं इसलिए इनके उपयोग से पर्यावरण को कम नुकसान होता है।

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NMMC के एक अधिकारी ने बताया, “हम सीबीडी-बेलापुर के श्मशान घाट से ब्रिकेट्स का इस्तेमाल शुरू करेंगे। पहले हम सिर्फ़ दो चिताओं पर ब्रिकेट्स का उपयोग करेंगे ताकि इस प्रक्रिया को बेहतर तरीके से समझा जा सके।”

ब्रिकेट्स के इस्तेमाल के बारे में अधिकारी ने कहा, “इससे हम खेत और बगीचे के कचरे का सही इस्तेमाल कर सकेंगे। साथ ही ब्रिकेट्स लकड़ी से सस्ते भी होते हैं।”

मानसून में भी ब्रिकेट्स का उपयोग आसानी से किया जा सकता है क्योंकि इन्हें इस तरह बनाया जाता है कि इनमें नमी नहीं रहती। हम इसे एक पायलट परियोजना के रूप में शुरू कर रहे हैं और आशा करते हैं कि इसे सभी स्वीकार करेंगे।

निवासियों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने NMMC के इस कदम का स्वागत किया है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि इससे पर्यावरण बेहतर होगा।

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NMMC का यह निर्णय पर्यावरण को बचाने में काफ़ी योगदान देगा। उम्मीद की जाती है कि अन्य नगर निगम भी इस तरह की पहल करेंगे।

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