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ना अंबानी और ना अडानी, BJP को कहां से मिलता है सबसे ज्यादा चंदा, देखें पूरी लिस्ट

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भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में रिकॉर्ड चंदा प्राप्त किया है, जिसमें विभिन्न ट्रस्ट और संस्थाओं का योगदान प्रमुख रहा है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस लिस्ट में अंबानी और अडानी जैसे बड़े उद्योगपतियों का नाम शामिल नहीं है। बीजेपी को कुल 2244 करोड़ रुपये का चंदा मिला, जिसमें 10 प्रमुख दानदाताओं ने 1200 करोड़ रुपये से अधिक का योगदान दिया।

प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट बीजेपी (BJP) का सबसे बड़ा दानदाता बना है, जिसने 723.67 करोड़ रुपये का चंदा दिया। इस ट्रस्ट का योगदान बीजेपी के कुल चंदे का एक तिहाई से अधिक है। इसके बाद ट्रायम्फ इलेक्टोरल ट्रस्ट ने 127.50 करोड़ रुपये का योगदान दिया।

बीजेपी को बड़ी कंपनियों ने भी काफी चंदा दिया है। उदाहरण के लिए, एसीएमई सोलर एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड (गुरुग्राम) ने 51 करोड़ रुपये, डिनेशचंद्र आर अग्रवाल इंफ्राकॉन प्राइवेट लिमिटेड (अहमदाबाद) ने 50 करोड़ रुपये, और डेरिव इन्वेस्टमेंट्स, रुंगटा सन्स प्राइवेट लिमिटेड, और भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड ने भी 50 करोड़ रुपये से अधिक का योगदान दिया है।

फार्मा कंपनियों ने भी BJP को चंदा देने में अहम भूमिका निभाई है। ज़ाइडस हेल्थकेयर लिमिटेड ने 25.05 करोड़ रुपये, पीआई इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने 25 करोड़ रुपये, और अन्य कंपनियों जैसे मैकलोड्स फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड, इंटास फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड, अजंता फार्मा लिमिटेड, और कैडिला फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड ने 5-5 करोड़ रुपये का दान दिया है।

व्यक्तिगत दानदाताओं में पंकज कुमार सिंह ने 15 करोड़ रुपये, रमेश कुन्हीकन्नन ने 12 करोड़ रुपये, और सुनील वाचानी ने 10 करोड़ रुपये का योगदान दिया है। रमेश कुन्हीकन्नन मैंगलोर स्थित केन टेक्नोलॉजी के संस्थापक हैं और चंद्रयान-3 की सफलता के बाद अरबपति बने हैं।

जहां BJP को कुल 2244 करोड़ रुपये का चंदा मिला, वहीं कांग्रेस को मात्र 289 करोड़ रुपये प्राप्त हुआ। कांग्रेस को भी सबसे अधिक योगदान प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट से मिला, जो 156.4 करोड़ रुपये था।

इन चंदों का राजनीतिक दलों के लिए बहुत महत्व है। चुनाव प्रचार और जनसंपर्क अभियान में खर्च के लिए ये फंड उपयोगी होते हैं। इन ट्रस्ट्स और कंपनियों से मिले दान राजनीतिक दलों की फंडिंग को पारदर्शी बनाते हैं। चंदे की घोषणा से यह भी पता चलता है कि किस पार्टी को कितनी आर्थिक मदद मिल रही है।

BJP ने चंदे के मामले में सभी पार्टियों को पीछे छोड़ दिया है। प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट जैसे ट्रस्ट और फार्मा कंपनियों के साथ-साथ व्यक्तिगत दानदाताओं ने बीजेपी की फंडिंग में बड़ी भूमिका निभाई है। दूसरी ओर, कांग्रेस को अपेक्षाकृत बहुत कम चंदा मिला। यह आंकड़े यह दर्शाते हैं कि बीजेपी की आर्थिक ताकत इसे चुनावों में एक अलग स्थान देती है।

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