पोलियो एक ऐसी बीमारी है जो छोटे बच्चों को बहुत नुकसान पहुंचा सकती है। यह एक वायरस से होती है जो बच्चों के शरीर में घुसकर उनकी हड्डियों और मांसपेशियों को कमजोर कर देता है। कई बार तो यह इतना खतरनाक हो जाता है कि बच्चे चल भी नहीं पाते। इसीलिए डॉक्टर और सरकार इस बीमारी को रोकने के लिए बहुत मेहनत करते हैं।
पोलियो से बचाव के लिए एक खास दवा होती है जिसे वैक्सीन कहते हैं। यह दवा बच्चों को मुंह से पिलाई जाती है। अगर सभी बच्चों को यह दवा समय पर मिल जाए, तो पोलियो की बीमारी फैल नहीं पाती। भारत में ‘पल्स पोलियो’ नाम का एक बड़ा अभियान चलाया गया था, जिसमें लाखों बच्चों को यह दवा पिलाई गई थी।
भारत की पोलियो-मुक्त यात्रा
भारत ने पोलियो को हराने में बड़ी कामयाबी हासिल की थी। 2014 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने घोषणा की थी कि भारत में अब पोलियो नहीं है। यह इसलिए कहा गया था क्योंकि 2011 के बाद से कोई नया पोलियो का केस नहीं मिला था। यह खबर पूरे देश के लिए बहुत खुशी की थी।
इस सफलता के पीछे कई लोगों की मेहनत थी। डॉक्टर, नर्स, और सरकारी कर्मचारी घर-घर जाकर बच्चों को दवा पिलाते थे। टीवी और रेडियो पर भी इसके बारे में बताया जाता था ताकि सभी लोग अपने बच्चों को दवा पिलाने के लिए आएं। इस तरह से भारत ने पोलियो को देश से बाहर कर दिया था।
मेघालय में नया केस: क्या है पूरी कहानी?
लेकिन अब, करीब 10 साल बाद, मेघालय में एक 2 साल के बच्चे में पोलियो का मामला मिला है। यह खबर सुनकर सभी लोग चिंतित हो गए हैं। डॉक्टर इस बात की जांच कर रहे हैं कि यह बच्चा कैसे बीमार हुआ।
यह नया केस थोड़ा अलग है। इसे ‘वैक्सीन-डिराइव्ड पोलियोवायरस’ (VDPV) कहा जा रहा है। यह उन बच्चों में हो सकता है जिन्हें पोलियो की दवा नहीं मिली है या फिर जिनका शरीर कमजोर है। इसलिए यह जरूरी है कि हर बच्चे को समय पर पोलियो की दवा मिले।
आगे क्या होगा?
इस नए केस के बाद सरकार ने कई कदम उठाए हैं। मेघालय में और आसपास के इलाकों में सभी बच्चों को फिर से पोलियो की दवा दी जा रही है। डॉक्टर लगातार नजर रख रहे हैं कि कहीं और तो यह बीमारी नहीं फैल रही।
यह घटना हमें याद दिलाती है कि पोलियो अभी भी एक खतरा है। हमें सतर्क रहना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि हर बच्चे को पोलियो की दवा मिले। साथ ही, स्वच्छता पर भी ध्यान देना जरूरी है क्योंकि गंदगी में यह वायरस जल्दी फैलता है।
भारत ने पोलियो को हराने में बड़ी सफलता पाई थी, लेकिन यह नया केस बताता है कि हमें अभी भी सावधान रहने की जरूरत है। सरकार, डॉक्टर और आम लोगों को मिलकर काम करना होगा ताकि पोलियो फिर से न लौट पाए। हर बच्चे का स्वास्थ्य महत्वपूर्ण है, और उसे सुरक्षित रखना हम सबकी जिम्मेदारी है।
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