मुंबई में ऑटो-रिक्शा और प्राइवेट बस वालों के लिए एक नया नियम लागू हो गया है। अब बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के गाड़ी चलाने पर हर रोज 50 रुपये का जुर्माना लगेगा। ये आदेश महाराष्ट्र परिवहन विभाग ने जारी किया है।
क्या है ये फिटनेस सर्टिफिकेट?
फिटनेस सर्टिफिकेट एक तरह का कागज होता है जो ये बताता है कि गाड़ी सही हालत में है और उसे सड़क पर चलाना सुरक्षित है। ये सर्टिफिकेट गाड़ी की पूरी जांच के बाद ही मिलता है।
क्यों लिया गया ये फैसला?
परिवहन विभाग के मुताबिक, मुंबई और आसपास के इलाकों में 8 से 10% रिक्शा बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के चल रहे हैं। इनमें से कुछ तो 2016 से अपना सर्टिफिकेट रिन्यू नहीं करवाया है। इससे लोगों की जान को खतरा है, इसलिए ये सख्त फैसला लिया गया है।
रिक्शा यूनियन ने जताई नाराजगी
रिक्शा यूनियन इस फैसले से खुश नहीं है। उनका कहना है कि कोरोना के बाद से बहुत से रिक्शा चालक आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। वो गाड़ी का लोन भी नहीं चुका पा रहे हैं। ऐसे में ये जुर्माना उनके लिए बहुत ज्यादा है। यूनियन ने सरकार से इस फैसले पर दोबारा विचार करने की अपील की है।
कानून क्या कहता है?
मोटर व्हीकल एक्ट के सेक्शन 81 के तहत, बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के गाड़ी चलाने पर हर दिन 50 रुपये जुर्माना लगाया जा सकता है। हालांकि, कुछ लोग इस नियम को हाई कोर्ट में चुनौती दे रहे हैं।
क्या ये फैसला सही है?
ये फैसला लोगों की सुरक्षा के लिए जरूरी है। इससे उम्मीद है कि अब ज्यादा लोग फिटनेस सर्टिफिकेट बनवाएंगे और सड़क पर चलने वाली गाड़ियों की हालत सुधरेगी।
आपकी क्या राय है?
आपको क्या लगता है, क्या ये फैसला सही है? क्या इससे रिक्शा चालकों को परेशानी होगी? हमें कमेंट करके जरूर बताएं।
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