Method to Stop Tax Evasion: सरकार ने GST चोरी को रोकने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। अब कुछ विशेष वस्तुओं या पैकेज पर ट्रैक एंड ट्रेस मैकेनिज्म (Track and Trace Mechanism) लागू किया जाएगा। यह मैकेनिज्म वस्तुओं की सप्लाई चेन को पारदर्शी बनाएगा और टैक्स चोरी पर लगाम लगाएगा।
कैसे काम करेगा ट्रैक एंड ट्रेस मैकेनिज्म?
इस नई व्यवस्था के तहत, कुछ खास वस्तुओं पर एक खास निशान (Unique Identification Mark) लगाया जाएगा। यह निशान वस्तु की पहचान और उसकी सप्लाई चेन को ट्रैक करने में मदद करेगा। वित्त मंत्रालय ने बताया कि यह यूनिक मार्किंग तकनीक टैक्स चोरी की संभावना वाली वस्तुओं के लिए बेहद कारगर होगी।
इसके लिए केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 (Central Goods and Services Tax Act, 2017) में एक नया सेक्शन 148A जोड़ा जाएगा। इससे कानूनी ढांचा तैयार होगा और इस मैकेनिज्म को प्रभावी तरीके से लागू किया जा सकेगा।
ऑनलाइन सर्विसेज को लेकर भी बदलाव
GST काउंसिल ने ऑनलाइन सेवाओं को लेकर भी अहम फैसला लिया है। अब, ऑनलाइन सेवाओं जैसे मनी गेमिंग (Money Gaming) या OIDAR सेवाओं की सप्लाई में, सप्लायर को अनरजिस्टर्ड ग्राहकों के राज्य का नाम चालान पर दर्ज करना होगा। यह फैसला IGST एक्ट, 2017 के तहत लागू होगा। इससे टैक्स कलेक्शन में पारदर्शिता आएगी।
पुराने वाहन और GST
GST काउंसिल ने पुरानी कारों पर टैक्स को लेकर भी स्पष्टता दी। 18% GST दर ने कारोबारियों के लिए मुश्किलें बढ़ाई हैं, लेकिन आम जनता को कुछ राहत दी गई है।
अन्य फैसले
GST काउंसिल ने ‘फोर्टिफाइड राइस कर्नेल’ (Fortified Rice Kernel) पर GST दर को 18% से घटाकर 5% करने का फैसला लिया। वहीं, जीन थेरेपी जैसी सेवाओं को GST से पूरी तरह छूट दी गई है।
क्या होगा असर?
नए ट्रैक एंड ट्रेस मैकेनिज्म से सप्लाई चेन में पारदर्शिता आएगी और टैक्स चोरी रोकने में मदद मिलेगी। यह कदम टैक्सपेयर और सरकार दोनों के लिए फायदेमंद होगा।
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