Mumbai Nagpur Bridge: मुंबई-नागपुर समृद्धि एक्सप्रेसवे के इगतपुरी-कसारा खंड पर 260 करोड़ रुपये की लागत से राज्य का सबसे ऊंचा पुल बनाया गया है। यह पुल 95 मीटर ऊंचा है, जो लगभग 33 मंजिला इमारत के बराबर है। इसे बनाने में तीन साल से अधिक का समय और 4 लाख से ज्यादा श्रमिकों की मेहनत लगी। यह पुल न केवल महाराष्ट्र का सबसे ऊंचा पुल है, बल्कि इसका निर्माण तकनीकी और भौगोलिक दृष्टि से बेहद चुनौतीपूर्ण रहा है।
यह पुल 1.85 किलोमीटर लंबा है और समृद्धि एक्सप्रेसवे पर दूसरा सबसे लंबा पुल है। पहला सबसे लंबा पुल ठाणे जिले के शाहपुर क्षेत्र में बना है, जो 2.5 किलोमीटर लंबा है। यह पुल इगतपुरी-कसारा क्षेत्र की खतरनाक घाटियों से गुजरने वाले वाहन चालकों के लिए एक वरदान साबित होगा।
पुल निर्माण में आई चुनौतियां
यह पुल एक गहरी घाटी के ऊपर बनाया गया है, जहां नीचे जलधारा बहती है। पुल के लिए 70 पियर्स बनाए गए, जिनमें से कुछ की नींव 5 मीटर तक गहरी है। इस क्षेत्र में कठोर चट्टानें थीं, जिन्हें हटाना श्रमिकों के लिए बेहद कठिन था। भारी निर्माण उपकरणों और क्रेन को ढलान वाली जगहों पर ले जाना भी चुनौतीपूर्ण रहा।
मॉनसून के दौरान निर्माण स्थल जलमग्न हो जाता था, जिससे काम में रुकावट आती थी। इसके अलावा, यह इलाका तेंदुओं जैसे जंगली जानवरों का घर है, इसलिए श्रमिकों को सावधानीपूर्वक काम करना पड़ा।
कैंटिलीवर फॉर्म ट्रैवलर तकनीक का इस्तेमाल
पुल को बनाने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया। निर्माण में कैंटिलीवर फॉर्म ट्रैवलर (Cantilever Form Traveller) तकनीक और स्लिपफॉर्म निर्माण तकनीक का उपयोग किया गया। इन तकनीकों ने निर्माण प्रक्रिया को सुरक्षित और कुशल बनाया।
समय और दूरी की बचत
इस पुल के बनने से इगतपुरी और कसारा के बीच की 17 किलोमीटर की दूरी 15 मिनट से भी कम समय में तय की जा सकेगी। पहले यह दूरी तय करने में 45 मिनट से ज्यादा का समय लगता था। जाम की स्थिति में यह समय दो घंटे तक बढ़ जाता था। अब वाहन चालकों को मुंबई-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग के खतरनाक मोड़ों और घाटियों से होकर नहीं गुजरना पड़ेगा।
मुंबई-नागपुर समृद्धि एक्सप्रेसवे का महत्व
701 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे मुंबई और नागपुर को जोड़ता है और इसे समृद्धि एक्सप्रेसवे के नाम से भी जाना जाता है। यह 10 जिलों और 390 गांवों को आपस में जोड़ेगा। छह लेन का यह एक्सप्रेसवे राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
फरवरी 2025 में जनता के लिए खुलेगा पुल
पुल का निर्माण पूरी तरह से हो चुका है और इसे फरवरी 2025 में आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा। यह न केवल इगतपुरी-कसारा क्षेत्र के लिए बल्कि पूरे महाराष्ट्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
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