No Man’s Land: दुनिया में ऐसी कई जगहें हैं जिन पर देशों के बीच युद्ध होते रहे हैं, लेकिन एक जगह ऐसी भी है जिसे कोई देश अपनाना नहीं चाहता। यह जगह है बिर ताविल (Bir Tawil), जो इजिप्ट और सूडान की सीमा पर स्थित है। इस लेख में हम जानेंगे कि आखिर क्यों इस जगह को कोई देश अपना नहीं मानता और इसकी क्या कहानी है।
बिर ताविल: No Man’s Land
बिर ताविल (Bir Tawil) एक ऐसी जगह है जो दुनिया के नक्शे पर तो है, लेकिन किसी देश का हिस्सा नहीं है। यह जगह इजिप्ट और सूडान के बीच में है, लेकिन दोनों देश इसे अपना नहीं मानते। बिर ताविल का क्षेत्रफल लगभग 2,060 वर्ग किलोमीटर है, जो दिल्ली शहर से भी बड़ा है।
बिर ताविल का मतलब अरबी भाषा में ‘लंबे कुएं’ से है। लेकिन यह नाम इस जगह के लिए बिल्कुल सही नहीं है क्योंकि यहां पानी की बहुत कमी है। यह एक सूखा और बंजर (Dry and Barren Land) इलाका है जहां कुछ भी नहीं उगता। यहां न तो कोई पेड़-पौधे हैं और न ही कोई जानवर रहते हैं।
बिर ताविल की अजीब कहानी
बिर ताविल की कहानी बहुत पुरानी है। यह सब 1899 में शुरू हुआ जब अंग्रेजों ने इजिप्ट और सूडान के बीच की सीमा तय की। उस समय इजिप्ट और सूडान दोनों ही अंग्रेजों के अधीन थे। अंग्रेजों ने एक लकीर खींची जो आज की तारीख में बिर ताविल को इजिप्ट का हिस्सा बनाती है।
लेकिन 1902 में एक और समझौता हुआ जिसमें एक अलग लकीर खींची गई। इस नई लकीर के हिसाब से बिर ताविल सूडान का हिस्सा बन गया। इन दो अलग-अलग समझौतों की वजह से सीमाओं का विवाद (Border Dispute) शुरू हो गया जो आज तक चल रहा है।
क्यों कोई देश बिर ताविल को नहीं चाहता?
अब सवाल यह उठता है कि आखिर कोई देश बिर ताविल को क्यों नहीं चाहता? इसकी वजह है एक और जगह जिसे हलायब त्रिकोण कहते हैं। हलायब त्रिकोण बिर ताविल से ज्यादा बड़ा और उपजाऊ इलाका है जो समुद्र के किनारे पर है। दोनों देश इस इलाके को पाना चाहते हैं।
अगर इजिप्ट और सूडान (Egypt and Sudan) में से कोई भी देश बिर ताविल को अपना मान लेता है, तो उसे हलायब त्रिकोण पर अपना दावा छोड़ना पड़ेगा। इसलिए दोनों देश बिर ताविल को नहीं चाहते और हलायब त्रिकोण पर अपना दावा बनाए रखना चाहते हैं।
बिर ताविल: बिना अधिकार की ज़मीन (No Man’s Land)
इस तरह बिर ताविल एक ऐसी जगह बन गई है जिस पर किसी का अधिकार नहीं है। यह दुनिया की एकमात्र ऐसी जगह है जहां कोई सरकार नहीं है, कोई कानून नहीं है, और कोई नियम नहीं हैं। यहां कोई झंडा नहीं फहराता और न ही किसी देश का नाम लिखा है।
हालांकि, कुछ लोगों ने इस जगह पर अपना दावा करने की कोशिश की है। 2014 में अमेरिका के एक व्यक्ति ने यहां जाकर अपना झंडा गाड़ दिया और खुद को इस जगह का राजा घोषित कर दिया। उन्होंने इस जगह का नाम ‘नॉर्थ सूडान किंगडम’ रख दिया। लेकिन किसी देश ने उनके इस दावे को मान्यता नहीं दी।
2017 में भारत के एक व्यक्ति ने भी इस जगह पर अपना दावा किया और इसे ‘किंगडम ऑफ दीक्षित’ नाम दे दिया। उन्होंने खुद को राजा और अपने पिता को प्रधानमंत्री घोषित कर दिया। लेकिन यह दावा भी सिर्फ कागजों तक ही सीमित रहा।
इन सभी प्रयासों के बावजूद, बिर ताविल आज भी एक ऐसी जगह है जिस पर किसी का अधिकार नहीं है। यह दुनिया का एकमात्र ऐसा हिस्सा है जो किसी देश का नहीं है। यह एक अनोखी जगह है जो हमें बताती है कि दुनिया में अभी भी कुछ रहस्य बाकी हैं।
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