अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की क़ीमतों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। OPEC+ देशों द्वारा उत्पादन में कटौती की उम्मीद के चलते निवेशक कच्चे तेल के सीमित आपूर्ति की आशंका जता रहे हैं। गुरुवार को कच्चे तेल की क़ीमतें $1 प्रति बैरल तक बढ़ गईं।
पेट्रोलियम पदार्थों का उत्पादन करने वाले देशों का समूह OPEC+ तेल के उत्पादन में कोई बदलाव नहीं करने की रणनीति पर कायम है। हालाँकि, तेल के बाज़ार में उतार-चढ़ाव जारी है जिसका असर क़ीमतों पर देखा जाता है।
ब्रेंट क्रूड ऑयल (Brent Crude Oil) के मई अनुबंध (May Contract) की क़ीमत $1.21 बढ़कर $87.30 प्रति बैरल हो गई। इसी तरह, अमेरिकी तेल WTI (West Texas Intermediate Oil) की कीमतें $1.28 बढ़कर $82.63 प्रति बैरल तक पहुंच गईं। अमेरिका में कच्चे तेल और गैसोलीन का भंडार बढ़ने से पहले तेल की कीमतें थोड़ी गिरी थीं।
विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक स्तर पर तेल की मांग अधिक है जबकि आपूर्ति कम, जिससे क़ीमतों में तेज़ी बनी रहेगी। इस हफ़्ते कच्चे तेल के दाम 2% बढ़े हैं और लगातार तीसरे महीने बढ़त दर्ज की जा रही है। अमेरिकी अर्थव्यवस्था में भी मज़बूती के संकेत तेल की मांग को और बढ़ा सकते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय राजनीतिक समीकरणों में बदलाव से भी तेल की आपूर्ति बाधित हो सकती है। अगले हफ़्ते OPEC+ की एक अहम बैठक होने वाली है, लेकिन जून में होने वाली मंत्रिस्तरीय बैठक के पहले किसी बड़े फ़ैसले की उम्मीद कम ही है।