महाराष्ट्र के सरकारी स्कूलों में पहली और दूसरी कक्षा के बच्चों को अभी भी पुरानी किताबों से ही पढ़ना होगा। नए कोर्स की किताबें अगले साल से ही आएंगी।
नए पढ़ाई के तरीके (नई शिक्षा नीति) के हिसाब से पहली और दूसरी कक्षा के लिए नए कोर्स की किताबें बनकर तैयार हैं, लेकिन इस साल नहीं चलेंगी। जून से शुरू होने वाले नए स्कूल साल में बच्चों को पुरानी किताबों से ही पढ़ाया जाएगा।
नई किताबें अगले साल से
शिक्षा विभाग के मुताबिक, किताबों में बदलाव के लिए पहले से ही बताना होता है, ताकि किताबें बनाने वाली संस्था (बालभारती) और किताब बेचने वालों को समय मिल सके। इस साल ये काम शुरू होगा और नई किताबें अगले साल से ही आएंगी।
नए कोर्स की तैयारी
महाराष्ट्र सरकार पढ़ाई के तरीकों में बदलाव कर रही है। इसमें सबसे पहले 3 से 8 साल के बच्चों (प्री-प्राइमरी से दूसरी कक्षा) के लिए नए कोर्स की तैयारी की गई है।
इससे माता-पिता थोड़ा परेशान हो सकते हैं क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि इस साल नई किताबें आएंगी। लेकिन सरकार का कहना है कि बदलाव में समय लगता है और अगले साल से नई किताबें जरूर आएंगी।
नए कोर्स में प्री-प्राइमरी कक्षाओं के लिए किताबें नहीं होंगी। शिक्षकों को पढ़ाने के लिए अलग से किताब दी जाएगी। इसके अलावा, प्री-प्राइमरी कक्षाओं को भी स्कूल शिक्षा के दायरे में लाने के लिए नियम बनाए जा रहे हैं।
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