मुंबई के लोगों के लिए एक राहत की खबर है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई महानगरपालिका (BMC) को फटकार लगाते हुए खुले पानी के टैंकों की वजह से होने वाले हादसों के लिए पीड़ितों को मुआवज़ा देने का आदेश दिया है। इससे पहले कोर्ट ने BMC से शहर में लोगों की सुरक्षा को लेकर सवाल भी किए थे।
दरअसल, कुछ दिनों पहले मुंबई के वडाला इलाके में खेलते-खेलते दो छोटे बच्चे एक खुले पानी के टैंक में गिर गए थे, जिससे उनकी मौत हो गई थी। इस हादसे पर हाईकोर्ट ने खुद ही एक जनहित याचिका (PIL) दायर की थी।
कोर्ट की सख्ती के बाद BMC ने बताया कि हादसे में मारे गए बच्चों के माता-पिता को 5-5 लाख रुपये मुआवज़ा दिया जाएगा। ये पैसा उस ठेकेदार से लिया जाएगा जिसकी ज़िम्मेदारी टैंक की देखभाल की थी। BMC ने कोर्ट को ये जानकारी भी दी कि अब उस टैंक को ढक दिया गया है, ताकि आगे कोई हादसा ना हो।
हाईकोर्ट का ये कदम काबिले-तारीफ है। कई बार लापरवाही की वजह से ऐसे हादसे हो जाते हैं, जिनमें बेकसूर लोगों की जान चली जाती है। ऐसे में कोर्ट का ये आदेश यह सुनिश्चित करेगा कि BMC भविष्य में ज़्यादा सावधानी बरते।
हाईकोर्ट ने इस मामले में BMC के रवैये पर सवाल उठाते हुए उससे ये भी पूछा था कि शहर में एक इंसान की जान की कीमत क्या है?