Operation Chakra-V: डिजिटल युग में, जहां हर कोई अपने स्मार्टफोन और इंटरनेट के जरिए दुनिया से जुड़ा है, साइबर अपराध (Cyber Crime) एक ऐसी सच्चाई बन गया है, जो हर किसी को प्रभावित कर सकता है। 13 जून 2025 को, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने ऑपरेशन चक्र-V (Operation Chakra-V) के तहत साइबर अपराधियों के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई शुरू की। इस कार्रवाई में मुंबई, पुणे, नासिक, दिल्ली, हिसार और लखनऊ में 10 जगहों पर छापेमारी की गई। इस दौरान महाराष्ट्र के ठाणे जिले के कल्याण से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया, जो साइबर अपराधियों को पहले से सक्रिय सिम कार्ड और फर्जी बैंक खाते उपलब्ध करा रहा था। यह कहानी उस जटिल जाल की है, जिसे अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बुनते हैं।
सीबीआई के अनुसार, ऑपरेशन चक्र-V का उद्देश्य साइबर अपराधी गिरोहों और उनके द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली तकनीकी संरचना को नष्ट करना है। इस बार की कार्रवाई एक सुनियोजित धोखाधड़ी के मामले से जुड़ी थी, जिसमें लोगों को फर्जी मोबाइल ऐप और व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए ठगा जा रहा था। अपराधी लोगों को नामी कंपनियों के शेयर सस्ते दामों पर देने का लालच देते थे। भोले-भाले निवेशक, जो अपने मेहनत की कमाई को बढ़ाने का सपना देखते थे, इस जाल में फंस जाते थे। एक बार जब वे पैसे निवेश करते, तो अपराधी उन फंड्स को हड़प लेते, जिससे निवेशकों को भारी नुकसान होता। इस तरह की धोखाधड़ी न केवल व्यक्तियों की जिंदगी को प्रभावित करती है, बल्कि पूरे समाज में विश्वास की कमी पैदा करती है।
छापेमारी के दौरान सीबीआई ने कई महत्वपूर्ण सबूत जमा किए। इनमें डिजिटल उपकरण और दस्तावेज शामिल थे, जो अपराधियों के जटिल तरीकों को उजागर करते हैं। ये सबूत दिखाते हैं कि अपराधी कितनी चालाकी से लोगों को बेवकूफ बनाते थे। उदाहरण के लिए, वे व्हाट्सएप ग्रुप बनाते, जहां वे निवेश के फायदों के बारे में झूठी जानकारी साझा करते। इन ग्रुप्स में कुछ फर्जी लोग भी शामिल होते, जो दूसरों को निवेश के लिए प्रोत्साहित करते। इस तरह, वे एक भरोसेमंद माहौल बनाते, जिससे लोग आसानी से उनके झांसे में आ जाते। यह तकनीक, जिसे सामाजिक इंजीनियरिंग कहा जाता है, साइबर अपराधियों का सबसे बड़ा हथियार है।
इस कार्रवाई में गिरफ्तार व्यक्ति, प्रतीक तनपुरे, कल्याण का रहने वाला है। सीबीआई के मुताबिक, वह साइबर अपराधियों के लिए पहले से सक्रिय सिम कार्ड और फर्जी बैंक खाते, जिन्हें म्यूल खाते कहा जाता है, सप्लाई करता था। ये सिम कार्ड और खाते अपराधियों के लिए ऑक्सीजन की तरह थे, क्योंकि इनके बिना वे अपने गैरकानूनी काम को अंजाम नहीं दे सकते थे। प्रतीक के पास से कई ऐसे सबूत मिले, जो उसके अपराध में शामिल होने की पुष्टि करते हैं। इनमें फर्जी सिम कार्ड, बैंक खातों की जानकारी और डिजिटल उपकरण शामिल हैं। यह गिरफ्तारी दर्शाती है कि साइबर अपराध का नेटवर्क कितना जटिल और संगठित है, जिसमें हर व्यक्ति की एक खास भूमिका होती है।
ऑपरेशन चक्र-V (Operation Chakra-V) सीबीआई की उन कोशिशों का हिस्सा है, जो डिजिटल दुनिया में बढ़ते अपराधों को रोकने के लिए की जा रही हैं। इससे पहले भी सीबीआई ने इस ऑपरेशन के तहत कई कार्रवाइयां की हैं। उदाहरण के लिए, 11 जून 2025 को, सीबीआई ने एक ऐसे साइबर अपराधी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया, जो अमेरिका और कनाडा के लोगों को निशाना बना रहा था। उस कार्रवाई में 2.8 करोड़ रुपये की क्रिप्टोकरेंसी और 22 लाख रुपये की नकदी जब्त की गई थी। ये कार्रवाइयां दिखाती हैं कि साइबर अपराधी अब केवल स्थानीय स्तर पर नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सक्रिय हैं। वे क्रिप्टोकरेंसी और मास्क्ड कॉलिंग जैसी तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं, ताकि कानून की पकड़ से बच सकें।
इस मामले में एक और खास बात यह है कि अपराधी निवेशकों को लुभाने के लिए प्रोफेशनल तरीके अपनाते थे। वे फर्जी मोबाइल ऐप बनाते, जो देखने में बिल्कुल असली लगते। इन ऐप्स में निवेश के आंकड़े, चार्ट और ग्राफ दिखाए जाते, जो लोगों को भरोसा दिलाते कि उनका पैसा सुरक्षित है। लेकिन हकीकत में, ये सारे आंकड़े फर्जी होते। एक बार जब निवेशक पैसा डाल देते, तो ऐप अचानक बंद हो जाता या उनका अकाउंट ब्लॉक कर दिया जाता। इस तरह की ठगी के शिकार ज्यादातर वे लोग होते हैं, जो डिजिटल दुनिया में नए होते हैं या जिन्हें तकनीक की ज्यादा समझ नहीं होती।
सीबीआई की यह कार्रवाई उन लोगों के लिए एक उम्मीद की किरण है, जो साइबर अपराध का शिकार हुए हैं। यह दर्शाता है कि सरकार और जांच एजेंसियां इस समस्या को गंभीरता से ले रही हैं। लेकिन यह भी सच है कि साइबर अपराध का नेटवर्क इतना विशाल है कि इसे पूरी तरह खत्म करने के लिए और भी बहुत कुछ करने की जरूरत है। इस ऑपरेशन के तहत सीबीआई न केवल अपराधियों को पकड़ रही है, बल्कि उन तकनीकी संसाधनों को भी नष्ट कर रही है, जो इन अपराधों को संभव बनाते हैं। यह एक लंबी लड़ाई है, जिसमें हर कदम मायने रखता है।
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