ओपियोइड स्कैंडल का खुलासा: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा विशेष पीएमएलए कोर्ट में दायर की गई एक अभियोजन शिकायत ने एक बड़े अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। इस मामले के मुख्य आरोपी, ड्रग लॉर्ड अलियासगर शिराजी ने अपने अपराध का विस्तृत खुलासा किया है, जिसमें फार्मास्युटिकल और कूरियर कंपनियों का दुरुपयोग शामिल है।
शिराजी के बयान के अनुसार, उसने अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम में अवैध दवाओं की तस्करी के लिए एक जटिल नेटवर्क का निर्माण किया। उसने अपने अपराध की शुरुआत और विस्तार के बारे में विस्तार से बताया।
शुरुआत और विस्तार: शिराजी ने बताया कि उसका करियर मुंबई में इंट्रा-सिटी कूरियर सेवाओं से शुरू हुआ। अंतरराष्ट्रीय कूरियर सेवाओं में अधिक लाभ देखकर, उसने इस क्षेत्र में प्रवेश किया। 2009 में, वह कुख्यात ड्रग माफिया कैलाश राजपूत के संपर्क में आया। 2012 में, शिराजी ने यूके में मेफेड्रोन भेजने का प्रयास किया, जिससे उसे पहली बार बड़ा मुनाफा हुआ। हालांकि, इस प्रयास के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया और 28 महीने जेल में बिताने पड़े। जेल से रिहा होने के बाद, शिराजी ने अपनी अवैध गतिविधियाँ फिर से शुरू कर दीं और अमेरिका तथा यूके में प्रतिबंधित दवाइयाँ भेजना आरंभ किया।
कंपनियों का उपयोग: 2017 में, शिराजी ने अवैध दवाओं की तस्करी के लिए अपनी कंपनियों का उपयोग शुरू किया। इन कंपनियों में मेसर्स वन लॉजिस्टिक्स, मेसर्स केएमबी सर्विसेज और मेसर्स इंटरनेशनल एक्सप्रेस शामिल थीं। उसने IATA लाइसेंस के बिना अन्य फर्मों के साथ साझेदारी की और ज़ोलपिडेम तथा अन्य साइकोट्रोपिक दवाओं को अमेरिका और यूके भेजा।
अब्दुल समद का सहयोग: शिराजी ने खुलासा किया कि लखनऊ निवासी अब्दुल समद ने अमेरिका के ग्राहकों को प्रतिबंधित दवाओं की आपूर्ति की। समद ने लखनऊ, दिल्ली, हैदराबाद और अन्य शहरों में अवैध कॉल सेंटर स्थापित किए, जहाँ से ऑर्डर लिए जाते थे। प्रतिदिन, समद लखनऊ से मुंबई तक पुष्पक एक्सप्रेस ट्रेन के माध्यम से 2-3 बॉक्स (लगभग 50 किलोग्राम) दवाएँ भेजता था। ये बॉक्स मुंबई के सीएसटी रेलवे स्टेशन से शिराजी के अंधेरी स्थित कार्यालय में पहुँचाए जाते थे, जहाँ दवाओं को साड़ियों, कपड़ों और खाद्य पदार्थों के बॉक्स में छिपाया जाता था।
अमेरिका में वितरण: शिराजी ने बताया कि अमेरिका में मेसर्स ईगल एक्सप्रेस इंक के हरप्रीत सिंह उर्फ विक्की ने दवाओं को प्राप्त और वितरित किया। शिराजी विक्की को बैगों की पहचान संख्या बताता था, जिसके बाद विक्की दवाओं को एकत्र कर स्टॉक करता था। अब्दुल समद शिराजी को प्राप्तकर्ताओं की जानकारी भेजता था, जिसे शिराजी विक्की को अग्रेषित करता था। विक्की यूएसपीएस का उपयोग करके दवाओं को प्राप्तकर्ताओं तक पहुँचाता था और ट्रैकिंग नंबर शिराजी को भेजता था।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग: शिराजी ने अपने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों का भी खुलासा किया, जिनके साथ मिलकर उसने भारी मुनाफा कमाया। इनमें अमेरिका में स्थित हरप्रीत सिंह उर्फ विक्की भी शामिल था, जिसे बाद में ड्रग प्रवर्तन प्रशासन (डीईए) ने गिरफ्तार कर लिया।
इस प्रकार, शिराजी ने फार्मास्युटिकल और कूरियर कंपनियों के एक व्यापक नेटवर्क का उपयोग करके एक बड़ा अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी रैकेट चलाया। यह मामला ओपियोइड संकट की गंभीरता और अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी के जटिल तरीकों पर प्रकाश डालता है। जाँच एजेंसियाँ इस मामले की और गहराई से छानबीन कर रही हैं, जिससे भविष्य में ऐसी गतिविधियों को रोका जा सके।
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