महाराष्ट्र के पुणे से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक महिला ने खेती के नाम पर सड़क किनारे ही अफीम की खेती शुरू कर दी। ये घटना पुणे के आलंदी इलाके में सामने आई है, जहां पुलिस ने छापेमारी करके अफीम की खेती करने वाली महिला को गिरफ्तार कर लिया है।
क्या हुआ था मामला?
लोनी कालभोर पुलिस को सूचना मिली थी कि आलंदी म्हातोबा गांव के इलाके में सड़क किनारे की जमीन पर अफीम की खेती की जा रही है। इस पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मौके पर छापा मारा। छापे के दौरान पुलिस ने पाया कि वहां 66 अफीम के पेड़ लगे हुए थे। पुलिस ने अफीम की पूरी फसल को जब्त कर लिया और खेती करने वाली महिला को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार की गई महिला की उम्र 45 साल बताई जा रही है, और वो आलंदी म्हातोबा की निवासी है। पुलिस ने उसके खिलाफ नशीले पदार्थ की खेती करने का मामला दर्ज किया है। बता दें कि ये पहली बार नहीं है जब इस इलाके में अफीम की खेती का मामला सामने आया है। इससे पहले भी लोनी कालभोर इलाके में अफीम उत्पादकों के खिलाफ दो मामले दर्ज किए जा चुके हैं।
अफीम की खेती के लिए लाइसेंस जरूरी
अफीम की खेती करना कोई आसान काम नहीं है। इसके लिए सरकार से लाइसेंस लेना अनिवार्य होता है। अगर कोई व्यक्ति बिना लाइसेंस के अफीम की खेती करता है, तो ये कानूनन अपराध माना जाता है। भले ही कोई व्यक्ति एक पौधा ही क्यों न उगाए, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
जानकारी हो कि अफीम का उपयोग कई तरह की दवाइयां बनाने के लिए किया जाता है, लेकिन इसका इस्तेमाल नशा करने के लिए भी किया जाता है। इसलिए, सरकार ने इसकी खेती पर सख्त नियंत्रण रखा है। बिना लाइसेंस के अफीम की खेती करने वालों के खिलाफ कड़ी सजा का प्रावधान है।
क्या है सजा का प्रावधान?
अफीम की खेती से जुड़े मामलों में कानून बहुत सख्त है। बिना लाइसेंस के अफीम की खेती करने वालों को जेल की सजा और भारी जुर्माना दोनों हो सकता है। ये कानून नशीले पदार्थों के अवैध उत्पादन और तस्करी को रोकने के लिए बनाया गया है।
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