महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच, ओवैसी की चुनावी सभा (Owaisi’s Election Rally) ने औरंगाबाद पूर्व में राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अपने भाषण में महंगाई से लेकर सामाजिक मुद्दों तक कई विषयों को उठाया, जिसने स्थानीय राजनीति में नई बहस छेड़ दी है।
महंगाई पर प्रहार
ओवैसी की चुनावी सभा (Owaisi’s Election Rally) में सबसे प्रमुख मुद्दा महंगाई रहा। उन्होंने प्रधानमंत्री के चाय विक्रेता से प्रधानमंत्री बनने की कहानी का जिक्र करते हुए कहा कि जो व्यक्ति गरीबी को इतने करीब से देखता है, उसे महंगाई की मार का अहसास होना चाहिए। चावल की कीमत 30 से बढ़कर 72 रुपये और आटे की कीमत 20 से 45 रुपये होने का मुद्दा उठाया। नमक जैसी बुनियादी जरूरत की चीज की कीमत में दोगुनी वृद्धि पर भी उन्होंने सवाल उठाए।
सामाजिक मुद्दों की गूंज
महिलाओं की सुरक्षा और मराठा आरक्षण जैसे संवेदनशील मुद्दों को उठाते हुए ओवैसी ने सत्ताधारी दलों पर तीखे प्रहार किए। महाराष्ट्र विधानसभा में ओवैसी का दावा (Owaisi’s Claim in Maharashtra Assembly) कि अगर उनकी पार्टी दो सीटें भी जीत जाती है तो 288 विधानसभा सीटों पर उनका प्रभाव महसूस किया जाएगा, राजनीतिक विश्लेषकों के लिए चर्चा का विषय बन गया है। उन्होंने ट्रेन में 70 वर्षीय बुजुर्ग की पिटाई का मुद्दा उठाकर सांप्रदायिक सौहार्द की बात भी की।
गठबंधनों पर सवाल
ओवैसी ने महायुति और महाविकास अघाड़ी दोनों पर निशाना साधा। उन्होंने औरंगाबाद ईस्ट में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के एक साथ चुनाव लड़ने पर सवाल उठाए। लोकसभा चुनाव में इम्तियाज जलील की हार का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि विरोधी दलों ने मिलकर उनकी पार्टी को रोकने की कोशिश की। उन्होंने गरीबों को दिए जाने वाले 1500 रुपये के मुआवजे पर भी सवाल उठाए और कहा कि इससे ज्यादा पैसा महंगाई के कारण गरीबों की जेब से निकल जाता है।
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