मुंबई

Kalyan Molestation Case: कल्याण में छेड़छाड़ मामले में तेजी से इंसाफ, आरोपी को 35 दिन में एक साल की जेल

Kalyan Molestation Case: कल्याण में छेड़छाड़ मामले में तेजी से इंसाफ, आरोपी को 35 दिन में एक साल की जेल

Kalyan Molestation Case: कल्याण में एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने न सिर्फ़ लोगों को चौंकाया, बल्कि यह भी दिखाया कि कानून कितनी तेजी से काम कर सकता है। एक 29 साल के शख्स को एक महिला के साथ छेड़छाड़ के मामले (Molestation Case) में कल्याण कोर्ट (Kalyan Court) ने सिर्फ 35 दिनों में एक साल की सजा सुना दी। हैरानी की बात यह है कि इस मामले में FIR दर्ज होने के सिर्फ सात घंटे बाद ही चार्जशीट दाखिल कर दी गई थी। यह कहानी एक ऐसी महिला की हिम्मत और कानूनी व्यवस्था की तेजी की है, जिसने एक गलत काम को तुरंत सजा तक पहुँचाया।

यह घटना 3 जून की सुबह करीब 7:40 बजे की है। कल्याण में रहने वाली एक 34 साल की महिला अपने घर में अपने पति और बच्चों के साथ सो रही थी। उस दिन सुबह-सुबह महिला के देवर काम पर चले गए और गलती से घर का दरवाजा थोड़ा खुला छोड़ गए। इसी का फायदा उठाकर एक शख्स, जिसका नाम ओमकार निकालजे है, चुपके से घर में घुस गया। ओमकार, जो मुंबई के वडाला का रहने वाला है, ने घर में घुसकर महिला के साथ छेड़छाड़ (Molestation Case) की। उसने महिला को गलत तरीके से छुआ, जिससे वह अचानक जाग गई और चिल्लाने लगी। उसकी आवाज सुनकर उसका पति भी जाग गया।

हालांकि ओमकार वहाँ से भागने में कामयाब रहा, लेकिन स्थानीय लोगों ने उसे थोड़ी देर बाद ही पकड़ लिया। महिला और उसके पति ने सुबह 10 बजे खडकपाड़ा पुलिस स्टेशन में जाकर शिकायत दर्ज की। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। उन्होंने घटनास्थल का पंचनामा किया, आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले और गवाहों के बयान दर्ज किए। एक प्रत्यक्षदर्शी के बयान ने भी पुलिस की जाँच को और मजबूत किया। उसी दिन पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita) की धारा 74 (महिला की गरिमा भंग करने के इरादे से हमला) और धारा 329(3) (आपराधिक अतिक्रमण) के तहत FIR दर्ज की।

पुलिस ने सिर्फ सात घंटे में 29 पन्नों की चार्जशीट तैयार कर ली, जिसमें तीन गवाहों के बयान शामिल थे। यह मामला कल्याण की ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास (JMFC) कोर्ट में जज आरती शिंदे के सामने सुनवाई के लिए गया। पब्लिक प्रॉसिक्यूटर प्रकाश सपकाले ने इस केस को इतनी मजबूती से पेश किया कि कल्याण कोर्ट (Kalyan Court) ने 8 जुलाई को फैसला सुनाते हुए ओमकार निकालजे को दोषी ठहराया। उसे धारा 74 के तहत एक साल की जेल और धारा 329(3) के तहत एक महीने की सजा सुनाई गई। साथ ही, 5,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया, जिसमें से 2,500 रुपये पीड़िता को दिए गए और बाकी राशि सरकारी खजाने में जमा कर दी गई।

यह मामला इस मायने में खास है कि आमतौर पर कोर्ट में केस इतनी जल्दी खत्म नहीं होते। लेकिन इस बार पुलिस और कोर्ट की तेजी ने एक मिसाल कायम की है। यह घटना न सिर्फ़ कल्याण में, बल्कि पूरे मुंबई में चर्चा का विषय बन गई है। लोग इस बात की तारीफ कर रहे हैं कि कैसे एक महिला की हिम्मत और पुलिस-कोर्ट की त्वरित कार्रवाई ने इंसाफ को इतनी जल्दी सुनिश्चित किया।

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