Pre-voting Silence Period: मुंबई में आज एक महत्वपूर्ण घोषणा के साथ महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 का प्रचार अभियान अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है। चुनाव प्रचार बैन (Election Campaign Ban) आज शाम 6 बजे से लागू होगा, जो मतदान के दिन तक जारी रहेगा।
चुनाव आयोग ने आज दोपहर को एक विस्तृत बयान जारी किया, जिसमें मौन अवधि के दौरान सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए कड़े नियमों की घोषणा की गई। जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 के तहत, मतदान समाप्त होने तक के 48 घंटों के दौरान किसी भी प्रकार का प्रचार या जनसभाएं आयोजित करना प्रतिबंधित है। चुनाव प्रचार बैन (Election Campaign Ban) का उल्लंघन करने वालों को दो साल तक की जेल या जुर्माना या दोनों सजाएं हो सकती हैं।
मीडिया नियंत्रण और दिशा-निर्देश
मौन अवधि के दौरान मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए विशेष नियम लागू किए गए हैं। सभी केबल नेटवर्क, टेलीविजन चैनल, रेडियो स्टेशन और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि राजनीतिक विज्ञापनों के प्रसारण से पहले उनके पास उचित प्रमाणीकरण हो। बिना प्रमाणीकरण के किसी भी राजनीतिक विज्ञापन का प्रसारण प्रतिबंधित है।
प्रिंट मीडिया विज्ञापन नियम
चुनाव आयोग ने प्रिंट मीडिया में प्रकाशित होने वाले विज्ञापनों के लिए भी कड़े नियम बनाए हैं। मतदान से पहले की मौन अवधि (Pre-voting Silence Period) के दौरान, किसी भी राजनीतिक विज्ञापन को प्रकाशित करने से पहले पूर्व-प्रमाणन समिति से अनुमोदन लेना अनिवार्य है। प्रकाशक को अपना नाम और पता भी प्रकाशित करना होगा।
सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर नियंत्रण
डिजिटल युग में सोशल मीडिया का महत्व बढ़ गया है, इसलिए चुनाव आयोग ने इस पर विशेष ध्यान दिया है। सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके प्लेटफॉर्म पर कोई भी राजनीतिक सामग्री मौन अवधि के दौरान प्रसारित न हो। प्लेटफॉर्म्स को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि उनके यूजर्स द्वारा शेयर की जाने वाली राजनीतिक सामग्री भी नियमों का पालन करे।
दंडात्मक प्रावधान और कार्रवाई
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। केबल टेलीविजन नेटवर्क्स (रेगुलेशन) एक्ट, 1995 या सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन करने वालों को तुरंत अपनी गतिविधियां रोकनी होंगी। चुनाव आयोग को ऐसे उल्लंघनों में प्रयुक्त उपकरणों को जब्त करने का अधिकार है। इन निर्देशों का पालन न करने पर अदालत की अवमानना की कार्यवाही भी की जा सकती है।
#MaharashtraElections2024 #ElectionCommission #SilencePeriod #PoliticalCampaigning #ElectionGuidelines
ये भी पढ़ें: Power and Corruption Game in Maharashtra: जानिए क्यों एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे को ‘बड़ा डाकू’ कहकर मचाया हंगामा