मुंबई में एक डॉक्टर द्वारा मंगाई गई आइसक्रीम में पाए गए मांस का डीएनए टेस्ट हुआ और पता चला कि यह मांस पुणे की एक फैक्ट्री के कर्मचारी का है।
घटना का विवरण
12 जून को, मलाड के 26 वर्षीय डॉक्टर ब्रैंडन फेराओ ने यम्मो की बटरस्कॉच आइसक्रीम खाते समय उसमें एक कील का टुकड़ा पाया। शुरुआत में उन्हें लगा कि यह अखरोट है, लेकिन बाद में जांच करने पर पता चला कि यह मांस है, जिसमें एक टूटा हुआ कील भी लगा था। फेराओ की बहन ने ज़ेप्टो से यह आइसक्रीम मंगवाई थी। उन्होंने मलाड पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस जांच
मलाड पुलिस स्टेशन ने मामले की जांच शुरू की और कलिना फोरेंसिक साइंस लैब ने डीएनए रिपोर्ट भेजी, जिसमें पुष्टि हुई कि आइसक्रीम में मिला मांस पुणे के कर्मचारी ओमकार पोटे का है। पोटे फॉर्च्यून डेयरी इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड में काम करते हैं और उनकी उंगली का एक हिस्सा काम के दौरान कट गया था।
घटनाक्रम
ओमकार पोटे ने पुलिस को बताया कि 11 मई को स्कॉच क्रशिंग मशीन पर काम करते समय उनकी उंगली कट गई थी। उन्होंने इस चोट का इलाज एक निजी डॉक्टर से करवाया और अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया। आदर्श रूप से, ऐसी स्थिति में पूरे आइसक्रीम बैच को फेंक देना चाहिए था, लेकिन कंपनी ने ऐसा नहीं किया।
कानूनी कार्रवाई
मलाड पुलिस ने आईपीसी की धारा 272 (खाद्य पदार्थ में मिलावट), 273 (हानिकारक हो चुके खाद्य या पेय पदार्थ बेचना) और 336 (मानव जीवन को खतरे में डालने वाला लापरवाही भरा और खतरनाक कार्य) के तहत यम्मो के अज्ञात कर्मचारी के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
यम्मो आइसक्रीम कंपनी की प्रतिक्रिया
यम्मो आइसक्रीम कंपनी ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए थर्ड पार्टी मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी में मैन्युफैक्चरिंग बंद कर दी है। उन्होंने उक्त उत्पाद को सभी गोदामों से अलग कर दिया है और बाजार स्तर पर भी ऐसा ही करने की प्रक्रिया में हैं।
पुलिस अब जांच को आगे बढ़ाकर संबंधित कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी।