राजीव गांधी की 80वीं जयंती पर पूरा देश उन्हें याद कर रहा है। भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री रहे राजीव गांधी ने अपने छोटे से कार्यकाल में देश को आधुनिक युग की ओर ले जाने का महत्वपूर्ण काम किया। उनकी दूरदर्शी सोच और प्रगतिशील नीतियों ने भारत को 21वीं सदी के लिए तैयार किया।
विरासत: एक युवा नेता का प्रगतिशील विज़न
आज 20 अगस्त 2024 को हम भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 80वीं जयंती मना रहे हैं। राजीव गांधी की विरासत आज भी हमारे देश के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। वे न सिर्फ भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री थे, बल्कि उन्होंने अपने छोटे से कार्यकाल में कई ऐसे फैसले लिए जिन्होंने भारत को आधुनिक युग में लाकर खड़ा कर दिया।
राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 को हुआ था। वे 1984 से 1989 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। इस छोटे से समय में उन्होंने देश में कई बड़े बदलाव किए। आइए जानते हैं उनके कुछ प्रमुख योगदानों के बारे में:
टेक्नोलॉजी और संचार क्रांति के अग्रदूत
राजीव गांधी को अक्सर भारत में टेक्नोलॉजी क्रांति का जनक कहा जाता है। उन्होंने देश में कंप्यूटर और टेलीकॉम क्रांति की नींव रखी। उनके समय में ही देश में पहली बार कंप्यूटर की पढ़ाई शुरू हुई। उन्होंने सॉफ्टवेयर एक्सपोर्ट को बढ़ावा दिया, जिसने भारत को आज की IT सुपरपावर बनने में मदद की।
राजीव गांधी ने दूरसंचार क्षेत्र में भी बड़े बदलाव किए। उन्होंने सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (C-DOT) की स्थापना की, जिसने देश में टेलीफोन नेटवर्क को मजबूत किया। उनके इन कदमों ने भारत को डिजिटल युग के लिए तैयार किया।
लोकतंत्र को मजबूत करने वाले सुधार
राजीव गांधी ने भारतीय लोकतंत्र को और मजबूत बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। उन्होंने वोट देने की उम्र 21 साल से घटाकर 18 साल कर दी। इससे युवाओं को राजनीति में भाग लेने का मौका मिला। उन्होंने पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत किया, जिससे गांव के लोगों को अपने फैसले खुद लेने की ताकत मिली।
राजीव गांधी ने महिला सशक्तीकरण पर भी ध्यान दिया। उन्होंने कई ऐसे कानून बनाए जो महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करते थे। उनके इन कदमों ने भारतीय समाज को और बराबरी की ओर ले जाने में मदद की।
शांति और राष्ट्रीय एकता के लिए प्रयास
राजीव गांधी ने देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। उन्होंने असम, मिजोरम और पंजाब जैसे राज्यों में शांति समझौते कराए। इन समझौतों ने इन राज्यों में लंबे समय से चल रही हिंसा को रोकने में मदद की।
उन्होंने पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंध बनाने पर भी ध्यान दिया। श्रीलंका के साथ शांति समझौता इसका एक उदाहरण है। राजीव गांधी की इन कोशिशों ने भारत को एक शांतिप्रिय देश के रूप में दुनिया के सामने पेश किया।
राजीव गांधी की विरासत आज भी हमारे देश के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उनके द्वारा शुरू किए गए कई कार्यक्रम और नीतियां आज भी चल रही हैं। उनकी दूरदर्शी सोच ने भारत को 21वीं सदी की चुनौतियों के लिए तैयार किया। आज जब हम उनकी 80वीं जयंती मना रहे हैं, तो हमें उनके सपनों के भारत को साकार करने के लिए और मेहनत करनी चाहिए।
इस तरह, राजीव गांधी की विरासत न केवल एक नेता की याद है, बल्कि एक ऐसा मार्गदर्शन है जो आज भी हमारे देश को प्रगति के पथ पर आगे बढ़ने में मदद कर रहा है।
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