भारत में साइबर हमलों का खतरा बढ़ रहा है! एक नई रिपोर्ट के मुताबिक, 64% भारतीय कंपनियों को रैनसमवेयर हमलों का सामना करना पड़ा है, और इनमें से 65% कंपनियां अपनी फाइलें वापस पाने के लिए फिरौती देने को मजबूर हैं।
दरअसल सॉफोस (Sophos) नामक एक साइबर सुरक्षा कंपनी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि भारत में रैनसमवेयर हमलों का खतरा लगातार बढ़ रहा है। रैनसमवेयर एक ऐसा वायरस होता है जो आपके कंप्यूटर या सर्वर की फाइलों को लॉक कर देता है और उन्हें वापस पाने के लिए पैसे की मांग करता है।
फिरौती देने को मजबूर: रिपोर्ट के मुताबिक, जिन कंपनियों पर रैनसमवेयर हमला हुआ, उनमें से 65% ने अपनी फाइलें वापस पाने के लिए फिरौती का भुगतान किया। इन कंपनियों से औसतन 4.8 मिलियन डॉलर की फिरौती मांगी गई, जिनमें से 62% मांगें 1 मिलियन डॉलर से भी ज्यादा थीं।
भारत में डेटा रिकवरी की औसत लागत: रिपोर्ट के अनुसार, भारत में डेटा रिकवरी की औसत लागत 1.35 मिलियन डॉलर है, जिसमें फिरौती की रकम शामिल नहीं है।
दुनिया भर में रैनसमवेयर हमलों का ट्रेंड: रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि दुनिया भर में सिर्फ 24% कंपनियां ही पूरी फिरौती देती हैं। ज्यादातर कंपनियां फिरौती की रकम से कम भुगतान करती हैं।
रैंसमवेयर से बचने के उपाय:
कंपनी की बाहरी सुरक्षा को मजबूत करें।
एंडपॉइंट प्रोटेक्शन सॉल्यूशंस का उपयोग करें।
खतरों का पता लगाने और उनका जवाब देने के लिए मजबूत सुरक्षा प्रणाली बनाएं।
घटना के समय क्या करना है, इसके लिए एक योजना बनाएं।
नियमित रूप से महत्वपूर्ण डेटा का बैकअप लें और डेटा रिकवरी के लिए अभ्यास करें।
ये रिपोर्ट दिखाती है कि रैनसमवेयर हमला एक गंभीर खतरा बन गया है और भारतीय कंपनियों को अपनी सुरक्षा को मजबूत करने की जरूरत है। उन्हें साइबर सुरक्षा के लिए निवेश करना चाहिए और अपने कर्मचारियों को जागरूक करना चाहिए।
ये रिपोर्ट 14 देशों के 5,000 IT अधिकारियों के एक सर्वेक्षण पर आधारित है, जिसमें भारत के 500 अधिकारी शामिल हैं।
ये भी पढ़ें: दवा के साइड इफेक्ट बताना डॉक्टर की नहीं, आपकी जिम्मेदारी! हाई कोर्ट का फैसला