महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए दरार की अफवाहें (Rift Rumors) लगातार चर्चा में हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने रविवार को एक बड़े बयान में बताया कि उनके और शिवसेना नेता संजय राऊत के बीच दरार की खबरें निराधार हैं। पटोले ने कहा कि संजय राऊत उनके दोस्त हैं और लोग उनके संबंधों में दरार पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।
सहयोगी दलों के बीच सीट बंटवारे का मुद्दा
महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी, जिसमें कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी), और एनसीपी (शरद पवार गुट) शामिल हैं, ने विधानसभा चुनाव में एक साथ चुनाव लड़ने का फैसला किया है। हालांकि, हाल ही में कुछ सीटों के बंटवारे को लेकर महा विकास अघाड़ी सीट बंटवारा (Maha Vikas Aghadi Seat Sharing) को लेकर विवाद की खबरें सामने आई हैं। इस मुद्दे पर दोनों दलों के नेताओं ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए, जिससे अफवाहें और बढ़ गईं कि गठबंधन में तनाव चल रहा है।
संजय राऊत के हालिया बयान में कांग्रेस को निर्णय लेने में असक्षम बताने के बाद, नाना पटोले ने प्रतिक्रिया दी और कहा कि कांग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी है, जो हमेशा सहयोगियों के साथ समन्वय बनाकर निर्णय लेती है। उन्होंने शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे पर इशारों में निशाना साधते हुए कहा कि यदि ठाकरे पर नियंत्रण करने का प्रयास हो रहा है तो यह उनका आंतरिक मुद्दा है। पटोले ने इस बात पर जोर दिया कि कांग्रेस अपने फैसले खुद करती है और उसे किसी अन्य पार्टी की राय पर निर्भर नहीं रहना चाहिए।
चुनावी रणनीति में सीटों का बंटवारा
महा विकास अघाड़ी गठबंधन ने पहले महाराष्ट्र की 288 सीटों में से 255 सीटों पर बंटवारे का प्रारूप तैयार किया था। गठबंधन के तीनों दल – कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी), और एनसीपी (शरद पवार गुट) ने प्रत्येक दल को 85 सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना बनाई है। कुछ सीटों पर बचे हुए मनमुटाव के कारण, नाना पटोले ने स्पष्ट किया कि 5 से 10 सीटों पर चर्चा अभी जारी है, और इस विवाद को 30 अक्टूबर के बाद सुलझा लिया जाएगा।
पटोले का कहना है कि कांग्रेस को चुनावी प्रक्रिया के हर पहलू में हिस्सेदारी करने का अधिकार है। उनकी बातों से यह स्पष्ट हुआ कि कांग्रेस अभी भी गठबंधन में विश्वास रखती है और वह महाराष्ट्र में अपनी सत्ता वापस पाने की दिशा में काम कर रही है।
मुख्यमंत्री पद को लेकर विपक्ष में असमंजस
महा विकास अघाड़ी गठबंधन में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर कोई स्पष्ट निर्णय नहीं हुआ है। कांग्रेस ने यह संकेत दिया है कि राहुल गांधी के मार्गदर्शन में प्राथमिकता महाराष्ट्र को फिर से सुरक्षित बनाना है। कांग्रेस का मानना है कि चुनाव के बाद एमवीए नेता मुख्यमंत्री के उम्मीदवार का चयन करेंगे।
वहीं, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के नेता और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मुद्दे पर विपक्ष को आड़े हाथों लिया। फडणवीस ने कटाक्ष करते हुए कहा कि महा विकास अघाड़ी के पास एकता का अभाव है, और शायद उन्हें खुद पर विश्वास नहीं कि उनके गठबंधन से मुख्यमंत्री चुनाव जीत पाएगा।