फेमिना मिस इंडिया 2024 निकिता पोरवाल ने अपने होम टाउन उज्जैन में हाल ही में बाबा महाकाल के दर्शन किए, जो चर्चा और विवाद का विषय बन गया। मिस इंडिया का ताज पहने हुए महाकाल के दर्शन करने पर कुछ धार्मिक मान्यताओं और मंदिर प्रोटोकॉल के की वजह से विवाद पैदा हो गया है।
उज्जैन में निकिता का भव्य स्वागत
गौरतलब है कि मिस इंडिया का खिताब जीतने के बाद निकिता पोरवाल पहली बार अपने शहर उज्जैन पहुंचीं, जहां उनका शानदार स्वागत किया गया, और स्वागत समारोह के बाद उन्होंने महाकालेश्वर मंदिर जाकर बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया। इस मौके पर उन्होंने मिस इंडिया का ताज पहन रखा था, जो कि उनकी पहचान और उपलब्धि का प्रतीक है।
मंदिर के पुजारी की आपत्ति
लेकिन महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी ने ताज पहनकर भगवान महाकाल के सामने उपस्थित होने पर आपत्ति जताई। हालांकि उन्होंने उज्जैन की बेटी निकिता की इस उपलब्धि पर गर्व भी व्यक्त किया, लेकिन मंदिर में ताज पहनने को प्रोटोकॉल और धार्मिक मर्यादाओं का उल्लंघन बताया। जानकारी हो कि महाकाल मंदिर में एक विशेष ड्रेस कोड लागू है, जिसका पालन करना सभी के लिए अनिवार्य है। ऐसे में निकीता का ताज पहनकर मंदिर प्रवेश करना विवाद का कारण बन गया।
महाकाल मंदिर का ड्रेस कोड और प्रोटोकॉल
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि महाकालेश्वर मंदिर में महिला और पुरुषों के लिए ड्रेस कोड निर्धारित है, जिसके तहत पुरुषों को धोती पहनना अनिवार्य है, जबकि महिलाओं को साड़ी में मंदिर में प्रवेश की अनुमति है। साथ ही सिर पर टोपी, कपड़ा, या ताज पहनने की मनाही है, ताकि मंदिर की पवित्रता और धार्मिक प्रोटोकॉल का पालन किया जा सके।
धार्मिक परंपराओं का सम्मान और नई पीढ़ी की भूमिका
अब ऐसे में मिस इंडिया निकिता पोरवाल के इस मामले ने धार्मिक परंपराओं और मंदिर नियमों के प्रति नई पीढ़ी के सम्मान पर भी चर्चा छेड़ दी है। ताज पहनने से जुड़ा ये विवाद ये याद दिलाता है कि धार्मिक स्थलों पर स्थानीय प्रोटोकॉल और परंपराओं का पालन करना आवश्यक होता है, चाहे व्यक्ति किसी भी क्षेत्र में कितना ही फेमस क्यों न हो।
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