सैफ अली खान केस में हर दिन नए अपडेट्स सामने आ रहे हैं। मुंबई पुलिस इस हाई-प्रोफाइल मामले की गहन जांच में जुटी हुई है। सूत्रों की मानें तो पुलिस का मानना है कि मोहम्मद शरीफुल इस्लाम शहजाद ही इस हमले का मुख्य आरोपी है। इस केस में पुलिस ने सैफ अली खान के घर से कई सबूत जुटाए हैं, जिनमें 200 से अधिक फिंगरप्रिंट शामिल हैं।
फॉरेंसिक जांच में जुटाए गए सबूत
मुंबई पुलिस ने सैफ के घर के हर कोने से सबूत इकट्ठा किए हैं। इनमें सीढ़ियां, खिड़कियां, बेडरूम, वॉशरूम, बेड, डाइनिंग टेबल, कुर्सियां और दीवारें शामिल हैं। इन सभी जगहों से 200 से अधिक फिंगरप्रिंट लिए गए हैं, जिन्हें फॉरेंसिक लैब और स्टेट सीआईडी लैब में भेजा गया है।
इसके साथ ही आरोपी शरीफुल के फिंगरप्रिंट्स भी जांच के लिए भेजे गए हैं। हालांकि, 200 में से 2 दर्जन से अधिक फिंगरप्रिंट मैच नहीं हुए। पुलिस का मानना है कि ऐसा डबल प्रिंट्स या कई लोगों के एक ही जगह पर छूने की वजह से हो सकता है।
पुख्ता सबूतों के साथ मजबूत केस
मुंबई पुलिस के उच्च अधिकारियों का दावा है कि उन्होंने आरोपी के खिलाफ पुख्ता सबूत इकट्ठा कर लिए हैं। पुलिस का कहना है कि जांच में साफ हो चुका है कि पकड़ा गया आरोपी ही हमलावर है। इन सबूतों को रिमांड कोर्ट में पेश किया गया है और जल्द ही इन्हें सेशन्स कोर्ट में भी रखा जाएगा।
फेस रिकग्निशन और विवाद
इस मामले में फेस रिकग्निशन तकनीक को लेकर विरोधाभास सामने आए हैं। पश्चिम रेलवे ने बांद्रा, दादर और अंधेरी रेलवे स्टेशनों पर संदिग्ध आरोपी के फेस रिकग्निशन करवाए। लेकिन इनकी तुलना में अंतर पाया गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, 16 जनवरी की रात सैफ पर हमला हुआ। इसके बाद उस जैसे दिखने वाले एक दर्जन संदिग्धों से पूछताछ की गई, लेकिन किसी का मोबाइल लोकेशन सैफ के घर के आसपास नहीं मिला।
आरोपी का मोबाइल लोकेशन और हथियारों की जांच
पुलिस जांच में ये सामने आया है कि पकड़े गए आरोपी का मोबाइल टावर सैफ के घर के पास सक्रिय था। वायरल तस्वीरों और पकड़े गए आरोपी के बीच फेस रिकग्निशन मेल नहीं खाता, लेकिन अन्य सबूतों से आरोपी की भूमिका स्पष्ट हो गई है।
पुलिस ने इस केस में इस्तेमाल किए गए हथियारों को जब्त कर फॉरेंसिक लैब में भेजा है। साथ ही ये पता लगाया जा रहा है कि आरोपी ने ये हथियार कहां से खरीदे और क्या इसमें किसी संगठन, इनसाइडर या अन्य व्यक्ति की भूमिका थी।
मुंबई पुलिस की गहन जांच और फॉरेंसिक सबूतों से ये मामला सुलझने के करीब है। हालांकि, कुछ तकनीकी चुनौतियां और विरोधाभास अब भी बने हुए हैं। पुलिस का दावा है कि वो जल्द ही सभी सवालों के जवाब ढूंढकर केस को मजबूत आधार पर अदालत में पेश करेगी।
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