अभी हाल ही की बात है, जब शिवसेना शिंदे गुट के विधायक संजय गायकवाड ने बासी खाना परोसने को लेकर कैंटीन के ठेकेदार को दे-दना-दन थप्पड़ जड़ दिया। देखते ही देखते उनका ये वीडियो सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गया। पहले आप देखिए उनका ये वायरल वीडियो –
इसी मामले में एनडीटीवी से बात करते हुए संजय गायकवाड से सवाल किया गया था कि, “आपने इस बात की कंप्लेन क्यों नहीं की?” तो इसपर जवाब देते हुए विधायक जी ने कहा था, “आप पूछ रहे हैं कि मैंने शिकायत क्यों नहीं की? मैं आपको बता दूं, शिकायतें तो की गईं। एक या दो नहीं, बल्कि पूरे 200 शिकायतें! लेकिन क्या हुआ? तीस साल से वही ठेकेदार वहां जमा हुआ है, और उसका कारोबार तो और भी फल-फूल गया। अगर सरकार या संबंधित अधिकारी इन शिकायतों पर कार्रवाई करते, तो मुझे खुद कानून हाथ में लेने की जरूरत ही न पड़ती। मेरी ट्रेनिंग का जो तरीका रहा, वो आज की बात नहीं है, वो तीस साल पुरानी बात है। फिर भी, मेरी ये सोच अटल है कि अगर कोई दोबारा ऐसी गलती करेगा, तो मैं उसे बख्शूंगा नहीं।”

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गौरतलब है कि कैंटीन और रेस्टोरेंट जैसी जगहों पर बासी और गंदा खाना परोसने का मामला कोई नया नहीं है, इस बात से हर कोई वाकिफ है। पिछले साल की बात है, जब एक आइस्क्रीम में किसी की उंगली मिली, तो कभी किसी खाने के पैकेट में मरा हुआ चूहा, और ना जाने क्या कुछ। और हर बार उसकी कंप्लेन की गई। मामले को गंभीरता से देखने की कोशिश हुई और जांच की बात भी आई। वहीं कुछ महीने पहले MNS नेता सतीश पाटिल मोजो पिज्जा के आउटलेट में हीरो की तरह घुस गए और जो कुछ हुआ उसका वीडियो आप खुद देखिए –
मेरे ख्याल से सतीश पाटिल ने जो कुछ किया बहुत सही किया, बल्कि इस तरह खाने की चीजें लोगों को परोसना, मतलब धीमा जहर, या यूं कह सकते हैं कि मौत को परोसने जैसा है। लेकिन अब जबकि संजय गायकवाड ने कुछ ऐसा ही किया, तो उसपर हर ओर हंगामा मच गया। बड़े-बड़े नेताओं ने उनपर सवाल खड़े किए, जिनमें से एक शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे भी हैं। उन्होंने कहा कि, “ये हमारी पार्टी का नहीं है और वो गद्दार के पार्टी का है इसलिए वो ऐसा कर रहा है। उससे हमारा कोई लेना देना नहीं है। वो सीएम को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है, ताकि शिंदे सीएम बन सके।”
आप भी सुनिए उद्धव ठाकरे का वो बयान –
वहीं कांग्रेस विधायक नाना पटोले ने भी संजय गायकवाड पर बयान देते हुए कहा कि, “उसपर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है? वो सत्ता पक्ष का है इसलिए कार्रवाई नहीं हो रही है।”
इनके अलावा आदित्य ठाकरे ने तो सभी संजय नाम पर ही सवाल उठा दिया। आप खुद ही सुनिए क्या कुछ बोले आदित्य ठाकरे –
हालांकि अगर सही मायने में देखा जाए, तो गंदा खाना परोसने वाले किसी भी शख्स के साथ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है, ताकि वो दोबारा से ऐसी गलती करने की सोचने से पहले भी वो डरे। लेकिन हमें बार-बार यही देखने को मिलता है कि जब कभी भी ऐसे मामले सामने आते हैं तो कुछ समय तक तो उसपर जोर-शोर से चर्चा होती है, लेकिन फिर से वही ढाक के तीन पात वाली कहावत जैसी हालत हो जाती है। ऐसे गंदा खाना परोसने वाले सीना तान के लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करते रहते हैं।
लेकिन क्या आपको लगता है कि संजय गायकवाड जैसे कोई भी व्यक्ति अगर इस तरह के कदम उठाता है तो वो गलत है? ऐसे हालात में किसी को क्या करना चाहिए? कमेंट कर अपनी राय जरूर बताएं।
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