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संजय राउत को याद आईं इंदिरा गांधी, तस्वीर शेयर कर कही ये बात

संजय राउत
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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। इस हमले के बाद केंद्र सरकार के कड़े कदम और विपक्ष के बयानों ने सुर्खियां बटोरी हैं। इसी बीच, शिवसेना-यूबीटी के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने एक ऐसा बयान दिया है, जो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया।

संजय राउत को याद आईं पूर्व पीएम इंदिरा गांधी 
शुक्रवार की सुबह संजय राउत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तस्वीर साझा की। इसके साथ उन्होंने लिखा, “आज देश को इंदिरा गांधी बहुत याद आ रही हैं! जय हिंद!”

ये बयान ऐसे समय में आया है, जब देश आतंकी हमले के दर्द से जूझ रहा है। राउत का ये पोस्ट 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध की याद दिलाता है, जब इंदिरा गांधी के नेतृत्व में भारत ने ऐतिहासिक जीत हासिल की थी।

पाकिस्तान पर राउत का निशाना
इससे पहले, गुरुवार को संजय राउत ने हमले को लेकर केंद्र सरकार के रुख का समर्थन करते हुए कहा, “देश पर हमला हुआ है, इतने लोग मारे गए हैं। इस हमले में पाकिस्तान का अप्रत्यक्ष हाथ है, क्योंकि वहां आतंकी कैंप चलते हैं, जहां से भारत पर हमले होते हैं। सरकार को और कड़े फैसले लेने की जरूरत है। विपक्ष में होने के बावजूद, हम सरकार के हर सही फैसले का स्वागत करते हैं।”

उन्होंने ये भी सुझाव दिया कि कश्मीर जैसे संवेदनशील मुद्दे पर संसद में चर्चा होनी चाहिए। राउत ने कहा, “अगर विपक्ष संसद में चर्चा की मांग करता है, तो इसके लिए विशेष सत्र बुलाना चाहिए। पाकिस्तान उच्चायोग को बंद करना या सिंधु जल संधि को रोकना जैसे कदम उठाए जा सकते हैं। सरकार बार-बार ‘घुसकर मारने’ की बात कहती है, अब उसे करके दिखाना चाहिए।”

1971 का युद्ध और इंदिरा गांधी की विरासत
संजय राउत का इंदिरा गांधी को याद करना बेवजह नहीं है। दरअसल 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री थीं। इस युद्ध में भारत ने न केवल पाकिस्तान को हराया, बल्कि बांग्लादेश के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

उस समय पूर्वी पाकिस्तान में मुक्ति संग्राम चल रहा था। लाखों शरणार्थी भारत में आ रहे थे। भारत ने मुक्ति संग्राम का समर्थन किया और पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध शुरू हुआ। मात्र 13 दिनों के युद्ध में भारतीय सेना ने पूर्वी पाकिस्तान पर नियंत्रण हासिल कर लिया। इसके बाद 90,000 से ज्यादा पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया, और पूर्वी पाकिस्तान एक स्वतंत्र राष्ट्र, बांग्लादेश, के रूप में उभरा।

क्या है मौजूदा स्थिति?
पहलगाम हमले के बाद सरकार ने कड़े कदम उठाने के संकेत दिए हैं। विपक्ष भी इस मुद्दे पर एकजुट नजर आ रहा है। संजय राउत जैसे नेताओं के बयान ये दर्शाते हैं कि देश की सुरक्षा और एकता के लिए सभी दल सरकार के साथ खड़े हैं। लेकिन, सवाल ये है कि क्या सरकार वाकई में ‘घुसकर मारने’ की नीति को अमल में लाएगी? या फिर ये केवल राजनीतिक बयानबाजी तक सीमित रहेगा?

वैसे जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले और संजय राउत के बयान पर आप क्या सोचते हैं? क्या आपको लगता है कि सरकार को और सख्त कदम उठाने चाहिए? अपनी राय हमें कमेंट में बताएं।

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