इंटरनेट ने हमारी ज़िंदगी को जितना आसान बनाया है, उतनी ही नए साइबर अपराधों (Cyber Crimes) की संभावनाएं भी बढ़ा दी हैं। आज एक क्लिक में हम किसी भी जानकारी तक पहुंच सकते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि कुछ चीजें Google पर सर्च करना गैरकानूनी हो सकता है? कई बार लोग अनजाने में ऐसी चीजें सर्च कर लेते हैं, जो भारतीय कानून के तहत अपराध मानी जाती हैं और इसके लिए उन्हें जेल भी हो सकती है।
क्या कहता है भारतीय कानून?
भारत में साइबर अपराधों को रोकने के लिए भारतीय न्याय संहिता (BNS) और आईटी एक्ट 2000 लागू किया गया है। इससे पहले, भारतीय दंड संहिता (IPC) में डिजिटल अपराधों से संबंधित कोई विशेष धाराएं नहीं थीं, लेकिन अब नए कानूनों के तहत कई सख्त प्रावधान जोड़े गए हैं।
BNS की धारा 294 के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति अश्लील सामग्री (Obscene Content) प्रसारित करता है या उसे बेचता है, तो उसे 2 साल तक की जेल और 5000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। अगर वही व्यक्ति दोबारा दोषी पाया जाता है, तो 5 साल तक की कैद और 10,000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
Google पर कौन-सी चीजें सर्च करना अपराध है?
अगर आप इंटरनेट पर नीचे दी गई चीजें सर्च करते हैं, तो ये गैरकानूनी माना जा सकता है और आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है –
ड्रग्स, हथियार या विस्फोटक खरीदने से जुड़ी जानकारी:
अगर कोई व्यक्ति Google पर ड्रग्स या अवैध हथियारों की खरीदारी से जुड़ी जानकारी खोजता है, तो ये अपराध की श्रेणी में आता है।
इस पर आईटी एक्ट 2000 और नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई हो सकती है।
चाइल्ड पोर्नोग्राफी या अवैध कंटेंट:
भारत में पोर्नोग्राफी को लेकर स्पष्ट कानून नहीं हैं, लेकिन चाइल्ड पोर्नोग्राफी पूरी तरह गैरकानूनी है।
आईटी एक्ट 2000 के तहत 5 से 7 साल की जेल या 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
किसी व्यक्ति की निजी जानकारी निकालना:
अगर आप किसी का मोबाइल नंबर, बैंक डिटेल्स या घर का पता Google पर खोजने की कोशिश करते हैं, तो ये साइबर अपराध की श्रेणी में आता है।
भारतीय साइबर कानून के तहत ऐसा करना गोपनीयता का उल्लंघन माना जाता है और इसके लिए 3 साल तक की जेल हो सकती है।
साइबर आतंकवाद से जुड़ी गतिविधियां:
अगर कोई व्यक्ति इंटरनेट पर देशविरोधी गतिविधियों, आतंकी संगठनों से जुड़ी जानकारी, बम बनाने की विधि या देश की सुरक्षा से जुड़ी संवेदनशील जानकारी सर्च करता है, तो इसे साइबर आतंकवाद (Cyber Terrorism) माना जाता है।
आईटी एक्ट 2000 की धारा 66F के तहत उम्रकैद तक की सजा हो सकती है।
सोशल मीडिया पर गैरकानूनी पोस्ट डालना भी अपराध है
अगर आप सोशल मीडिया पर अश्लील, हिंसक या भड़काऊ पोस्ट शेयर करते हैं, तो ये भी अपराध की श्रेणी में आता है। उदाहरण के लिए –
अगर कोई आपत्तिजनक वीडियो या मैसेज शेयर करता है, जिससे समाज में हिंसा भड़क सकती है, तो आईटी एक्ट 2000 की धारा 67A के तहत उसे 5 साल की जेल और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
अगर कोई व्यक्ति धार्मिक भावनाएं भड़काने वाले पोस्ट करता है, तो उसके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 295A के तहत केस दर्ज हो सकता है।
कैसे बचें साइबर अपराधों से?
सोच-समझकर सर्च करें – कोई भी ऐसी जानकारी न खोजें, जो गैरकानूनी हो सकती है।
साइबर सिक्योरिटी नियमों का पालन करें – पब्लिक नेटवर्क पर निजी जानकारी शेयर करने से बचें।
सोशल मीडिया पर सावधानी बरतें – फेक न्यूज़ या भड़काऊ कंटेंट पोस्ट करने से पहले उसकी सच्चाई जांच लें।
इंटरनेट पर क्या सर्च करना सुरक्षित है?
इंटरनेट पर किसी भी चीज को सर्च करना आज के दौर में आम बात है, लेकिन ये ज़रूरी है कि हम साइबर कानूनों को समझें और उनका पालन करें। गूगल पर कुछ भी सर्च करने से पहले ये जरूर सोचें कि ये किसी कानून का उल्लंघन तो नहीं कर रहा। अगर आपने जाने-अनजाने किसी गैरकानूनी चीज को सर्च किया है, तो घबराएं नहीं, लेकिन किसी भी अवैध गतिविधि में शामिल होने से बचें।
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