सेबी (SEBI) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए ‘ग्रोपिटल’ नाम की कंपनी को सिक्योरिटी मार्केट से सस्पेंड कर दिया है। आरोप है कि कंपनी बिना इजाजत के निवेश योजनाएं चलाकर लोगों से पैसे ऐंठ रही थी। मामला सामने आने पर सेबी ने जांच शुरू कर दी है।
ग्रोपिटल लोगों को खेती-बाड़ी के क्षेत्र में निवेश के लिए लुभाती थी। कंपनी ये दावा करती थी कि वह निवेश पर 11% से लेकर 14% तक का पक्का मुनाफा देगी। ग्रोपिटल कंपनी से जुड़ी कुछ और संस्थाओं के साथ-साथ उसके मालिकों पर भी जांच का शिकंजा कस गया है।
SEBI की कार्रवाई से निवेशक बचेंगे
ग्रोपिटल पर कार्रवाई का मतलब है कि सेबी ने कई निवेशकों को बड़े घाटे से बचा लिया है। इस तरह की कंपनियां बड़े-बड़े वादे कर लोगों को अपनी जाल में फंसाती हैं। सेबी की सख्ती से अब दूसरे फर्जी निवेश करने वाले भी बचकर रहेंगे।
जांच जारी, सामने आ सकते हैं और खुलासे
फिलहाल सेबी ने ग्रोपिटल और उससे जुड़े लोगों को बाजार में किसी भी तरह के सौदे से रोक दिया है। जांच आगे बढ़ने पर इस घोटाले से जुड़े और भी खुलासे होने की संभावना है। हालांकि, ग्रोपिटल के मालिकों के बैंक खातों से प्रतिबंध हटा लिया गया है।
सेबी की इस कार्रवाई से यह संदेश साफ हो गया है कि बाजार में किसी भी तरह का फर्जीवाड़ा करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। निवेश करने से पहले लोगों को भी सचेत रहने और ऐसी योजनाओं की अच्छी तरह पड़ताल करने की जरूरत है।
जांच में पता चला है कि ग्रोपिटल नियमों को ताक पर रखकर बिना सेबी की इजाजत के निवेश योजनाएं (CIS) चला रही थी।