दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले के सामने एक ऐसी घटना ने सबको स्तब्ध कर दिया है, जो न केवल सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि धार्मिक आस्था को भी झकझोर देती है। जैन समुदाय के एक धार्मिक समारोह के दौरान ₹1 करोड़ की कीमत वाला सोने का कलश चोरी हो गया। ये अनमोल कलश, जो 760 ग्राम शुद्ध सोने और 150 ग्राम हीरे, माणिक और पन्ने जैसे कीमती रत्नों से जड़ा था, मंच से गायब हो गया। इस चोरी ने न सिर्फ पुलिस को चौकन्ना कर दिया, बल्कि पूरे देश में हलचल मचा दी।
स्वागत की भीड़ में हुई चोरी
लाल किले के 15 अगस्त पार्क में चल रहे जैन समुदाय के धार्मिक अनुष्ठान, जो 9 सितंबर तक जारी रहेंगे, में यह सनसनीखेज वारदात हुई। कारोबारी सुधीर जैन हर दिन इस बेशकीमती कलश को पूजा के लिए लाते थे। लेकिन 3 सितंबर की सुबह, जब समारोह में स्वागत की भीड़भाड़ अपने चरम पर थी, चोरों ने मौके का फायदा उठाया और इस अनमोल कलश को मंच से ही उड़ा लिया। यह सब इतनी सफाई से हुआ कि किसी को भनक तक नहीं लगी।
CCTV में कैद हुआ संदिग्ध
पुलिस को 3 सितंबर को पीएस कोतवाली में एक पीसीआर कॉल के जरिए इस चोरी की सूचना मिली। जांच शुरू होते ही पुलिस ने लाल किले के परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। फुटेज में एक संदिग्ध की तस्वीर सामने आई, जिसके आधार पर पुलिस ने उसकी पहचान कर ली है। पुलिस का दावा है कि जल्द ही इस चोर को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, यह संदिग्ध पहले भी मंदिरों में चोरी की वारदातों को अंजाम दे चुका है, हालांकि इसकी पुष्टि अभी बाकी है।
कितना खास था यह कलश?
ये कलश कोई साधारण वस्तु नहीं थी। 760 ग्राम शुद्ध सोने से बना ये कलश 150 ग्राम हीरे, माणिक और पन्ने जैसे रत्नों से सजा था। इसकी कीमत करीब ₹1 करोड़ आंकी गई है। जैन समुदाय के लिए ये कलश न केवल धार्मिक महत्व का था, बल्कि एक सांस्कृतिक धरोहर भी था। इसकी चोरी ने आयोजकों और श्रद्धालुओं को गहरे सदमे में डाल दिया है।
लाल किला: सुरक्षा पर सवाल
लाल किला, जो देश की शान और सबसे सुरक्षित स्थानों में से एक है, वहां ऐसी चोरी ने सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के जवान और सीसीटीवी कैमरों की मौजूदगी के बावजूद चोरों ने इस साहसिक वारदात को अंजाम दे दिया। यह घटना उस समय हुई, जब समारोह में कई गणमान्य लोग मौजूद थे। सवाल उठता है कि इतने हाई-सिक्योरिटी जोन में चोर इतनी आसानी से कैसे कामयाब हो गए?
दिल्ली में चोरी की सिलसिला
यह कोई पहली घटना नहीं है। हाल ही में दिल्ली के पॉश इलाकों में चोरी की वारदातें चर्चा में रही हैं। एक सांसद के गले से सोने की चेन छीने जाने की घटना ने तो पूरे देश का ध्यान खींचा था। अब लाल किले की इस चोरी ने एक बार फिर दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान लगा दिया है। क्या देश की राजधानी में धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरें सुरक्षित नहीं हैं?
पुलिस की कार्रवाई और आगे की राह
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी है। सीसीटीवी फुटेज और अन्य सबूतों के आधार पर जांच तेज कर दी गई है। पुलिस ने दावा किया है कि संदिग्ध जल्द ही सलाखों के पीछे होगा। इस बीच, आयोजकों ने समारोह की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
आस्था और विश्वास पर चोट
यह चोरी सिर्फ एक आर्थिक नुकसान नहीं, बल्कि आस्था और विश्वास पर चोट है। लाल किला, जो भारत की गौरवशाली विरासत का प्रतीक है, वहां हुई इस वारदात ने समाज को सोचने पर मजबूर कर दिया है। क्या हमारी धरोहरें और धार्मिक आयोजन वाकई सुरक्षित हैं? यह घटना हमें सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की जरूरत की याद दिलाती है।
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