महाराष्ट्र

शिर्डी साईं बाबा मंदिर में चौंकाने वाला खुलासा: इसरो के पूर्व वैज्ञानिक को भीख मांगते पकड़ा गया

शिर्डी
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शिर्डी का साईं बाबा मंदिर, जो महाराष्ट्र के अहित्यानगर में स्थित है, भक्ति और आस्था का प्रमुख केंद्र है। हर साल लाखों श्रद्धालु अपनी मन्नतें लेकर साईं बाबा के दरबार में हाजिरी लगाने आते हैं। लेकिन हाल ही में शिर्डी में एक ऐसी घटना सामने आई, जिसने सबको हैरान कर दिया। शिर्डी पुलिस द्वारा भिखारियों के खिलाफ चलाए गए एक ऑपरेशन में एक शख्स को भीख मांगते पकड़ा गया, जो कोई और नहीं, बल्कि इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) का पूर्व अधिकारी निकला। आइए, इस अनोखी कहानी को विस्तार से जानते हैं।

साईं बाबा के दरबार में अनोखा मामला
शिर्डी पुलिस ने मंदिर के आसपास भीख मांगने वालों के खिलाफ एक विशेष अभियान चलाया था। इस दौरान कई लोगों को हिरासत में लिया गया। इन्हीं में से एक शख्स ने अपना नाम के. एस. नारायणन बताया और दावा किया कि वो इसरो का पूर्व कर्मचारी है। ये सुनकर पुलिसकर्मी स्तब्ध रह गए। पहले तो उनकी बात पर यकीन करना मुश्किल था, लेकिन जब मामला उच्च अधिकारियों तक पहुंचा, तो नारायणन को अन्य लोगों से अलग कर पूछताछ शुरू की गई।

इसरो के वैज्ञानिक की दर्दनाक कहानी
पूछताछ में नारायणन ने बताया कि वो 1988 में इसरो में शामिल हुए थे और 2008 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी। उन्होंने अपनी जिंदगी के उतार-चढ़ाव भी साझा किए। नारायणन के मुताबिक, उनके भाई ने उनसे 12 लाख रुपये की ठगी की। उनका बड़ा बेटा यूके में नौकरी करता है, लेकिन वो खुद आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। नारायणन ने बताया कि वो साईं बाबा के दर्शन के लिए शिरडी आए थे, लेकिन नासिक में उनका बैग चोरी हो गया। बैग में उनका आधार कार्ड, अन्य पहचान पत्र और पैसे थे। मजबूरी में उन्हें भक्तों से पैसे मांगने पड़े।

नारायणन ने ये भी बताया कि वो इसरो में पीएसएलवी, जीएसएलवी और चंद्रयान मिशन जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स का हिस्सा रहे हैं। उन्होंने श्रीहरिकोटा में अपने सहयोगी ए. राजराजन का भी जिक्र किया। उनकी बातों की पुष्टि के लिए पुलिस ने उनके बैंक खाते और अन्य दस्तावेजों की जांच की। जांच में नारायणन के दावे सही पाए गए।

पुलिस ने लिया मानवीय फैसला
नारायणन की कहानी सुनने और उनके दावों की पुष्टि होने के बाद शिर्डी पुलिस ने उन्हें सम्मान के साथ रिहा कर दिया। पुलिस ने उनके बयान दर्ज किए और ये सुनिश्चित किया कि उनकी गरिमा बनी रहे। ये घटना न केवल शिर्डी, बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया। बता दें कि ये पहली बार नहीं है जब इस तरह का मामला सामने आया हो। करीब डेढ़ महीने पहले मुंबई में भी एक पूर्व पुलिस अधिकारी को भीख मांगते पकड़ा गया था।

ये घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि जिंदगी कितनी अनिश्चित हो सकती है। एक समय में देश के सबसे प्रतिष्ठित संगठन में काम करने वाला व्यक्ति आज मजबूरी में सड़कों पर है। ये कहानी न केवल नारायणन की व्यक्तिगत त्रासदी को दर्शाती है, बल्कि समाज में आर्थिक और सामाजिक असुरक्षा के मुद्दों को भी उजागर करती है।

गौरतलब है कि शिर्डी का साईं बाबा मंदिर भक्तों के लिए आस्था का प्रतीक है। यहां आने वाले हर श्रद्धालु को साईं बाबा के चरणों में सुकून मिलता है। नारायणन की कहानी भले ही दुखद हो, लेकिन ये भी साईं बाबा की कृपा ही है कि उनकी सच्चाई सामने आई और उन्हें सम्मान के साथ रिहा किया गया।

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