महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन की ऐतिहासिक जीत के बाद मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पदों को लेकर चर्चाएं तेज हैं। इस बीच, “सत्ता की चाह” (Desire for Power) और “उपमुख्यमंत्री पद की अटकलें” (Deputy CM Speculations) को लेकर एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे ने स्पष्ट बयान देकर सबका ध्यान खींचा। उन्होंने सोशल मीडिया पर साफ कर दिया कि उन्हें किसी भी पद की लालसा नहीं है।
उपमुख्यमंत्री बनने की अटकलें: श्रीकांत शिंदे का बयान
महायुति की जीत के बाद यह चर्चा थी कि भाजपा से देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बन सकते हैं और शिवसेना (शिंदे गुट) से श्रीकांत शिंदे को उपमुख्यमंत्री पद दिया जा सकता है। इन खबरों पर सोमवार को श्रीकांत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर सभी अटकलों को खारिज कर दिया।
उन्होंने लिखा, “मेरे उपमुख्यमंत्री बनने की खबरें आधारहीन हैं। महागठबंधन सरकार के शपथ ग्रहण में देरी के कारण कई तरह की अफवाहें फैल रही हैं। लेकिन मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैं किसी भी मंत्री पद की रेस में नहीं हूं। मुझे सत्ता का कोई लोभ नहीं है।”
श्रीकांत ने यह भी कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद भी उन्हें केंद्र में मंत्री बनने का मौका मिला था, लेकिन उन्होंने इसे पार्टी संगठन के लिए काम करने की इच्छा से ठुकरा दिया था।
महायुति में पदों को लेकर पेंच
महायुति गठबंधन की सफलता के बाद अब मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद को लेकर चर्चाएं तेज हैं। एकनाथ शिंदे, जो वर्तमान में कार्यवाहक मुख्यमंत्री हैं, ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी जो भी निर्णय लेंगे, वह उन्हें स्वीकार होगा।
हालांकि, यह भी कहा जा रहा है कि यदि देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बनते हैं, तो एकनाथ शिंदे डिप्टी सीएम बनने के इच्छुक नहीं हैं। उन्होंने कथित रूप से केंद्र में गृह मंत्रालय जैसे बड़े पद की मांग की है।
श्रीकांत शिंदे के उपमुख्यमंत्री बनने की अटकलें भी इसी पृष्ठभूमि में उभरी थीं। लेकिन उनके स्पष्ट बयान ने इन चर्चाओं को विराम दे दिया।
मीडिया और अफवाहें: श्रीकांत की प्रतिक्रिया
श्रीकांत शिंदे ने मीडिया से अपील की कि वे सच्चाई के साथ खबरें पेश करें। उन्होंने कहा, “मीडिया का उत्साह समझा जा सकता है, लेकिन अफवाहों से बचना चाहिए। उम्मीद है कि अब मेरे बारे में कोई चर्चा नहीं होगी।”
उनके इस बयान ने महायुति में नेतृत्व के मुद्दे पर चल रही बहस को और रोचक बना दिया है।
महायुति के लिए आगे की राह
महाराष्ट्र में महायुति ने 288 में से 230 सीटों पर जीत दर्ज की, जिसमें भाजपा ने 132, शिवसेना (शिंदे गुट) ने 57, और एनसीपी (अजित पवार गुट) ने 41 सीटें जीतीं। हालांकि, सरकार गठन में देरी और पदों को लेकर चर्चा ने गठबंधन के भीतर संभावित असंतोष को उजागर किया है।
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