हाल ही में आयकर विभाग ने कई स्टार्टअप कंपनियों को नोटिस भेजे हैं, जिससे स्टार्टअप जगत में हलचल मच गई है। खासतौर पर फिनटेक इंडस्ट्री से जुड़ी कंपनियों को ये नोटिस मिले हैं। अधिकारियों का कहना है कि इससे स्टार्टअप के कामकाज पर असर पड़ेगा और निवेशकों का विश्वास भी डगमगा सकता है।
आयकर विभाग ने ये नोटिस आयकर अधिनियम की धारा 68 के तहत भेजे हैं। सूत्रों के मुताबिक कर की गणना करते समय, आयकर विभाग ने स्टार्टअप में किए गए निवेश को भी राजस्व के साथ जोड़ लिया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस कदम से स्टार्टअप कंपनियों के मूल्यांकन को लेकर भी दिक्कतें आएंगी। इन नोटिसों को लेकर एक बड़ी चिंता यह भी है कि जिन निवेशकों ने स्टार्टअप में पैसा लगाया है, आयकर विभाग उन निवेशकों की साख के बारे में भी जानकारी हासिल करना चाहता है।
अधिकारियों का यह कदम स्टार्टअप इकोसיסטम के लिए सही नहीं है। भारत में अभी स्टार्टअप कल्चर विकसित हो रहा है। सरकार को चाहिए कि स्टार्टअप कंपनियों को बढ़ावा दिया जाए ना कि उन पर इस तरह का दबाव बनाया जाए।
सूत्रों ने बताया कि ये नोटिस वित्त वर्ष 2023-24 के खत्म होने से कुछ ही हफ्ते पहले भेजे गए हैं। कंपनियों को बेहद कम समय दिया गया है। आयकर विभाग अगर निवेशकों के बारे में जानकारी चाहता था तो उन्हें सीधे उनसे संपर्क करना चाहिए था।